स्नैक्स सभी को पसंद होते है. अगर हम सभी टीवी के सामने बैठकर मूवी देख रहे हो तब हम इसे खाना ज्यादा पसंद करते है ये कहा जाता है की स्नैक्स सिर्फ बच्चो को ही पसंद होते है लेकिन सही मायनों में देखा जाए तो बड़े भी स्नैक्स को पसंद करते है . लेकिन अगर हम बाज़ार में स्नैक्स खरीदने जाए तो वो इतने महंगे नही होते तो उन्हें बनाने या उनका Business करने वालो को कितना प्रॉफिट या Earn होता होगा और अगर हम आपको बताये की कोई स्नैक्स बेचकर करोड़पति बन जाए, ये सुनकर थोड़ी हैरानी तो होती है. ये सच है 48 साल के इस शख्स ने चिप्स का कारोबार शुरू कर 3000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर ली. हम बात कर रहे है प्रताप स्नैक्स के मालिक अमित कुमत की. खास बात ये है कि आज ये कंपनी लेज चिप्स बनाने की कंपनी को टक्कर दे रही है. तो आईये जानते है Yellow Diamond चिप्स का कारोबार शुरू कर 3000 करोड़ की कंपनी खड़ी कर ली. जानिए कैसे बनी इतनी बड़ी कंपनी
कुमत पढाई के लिए अमेरिका गये वह से उन्होंने साइंस में मास्टर डिग्री ली. अमेरिका से पदाई पूरी करने के बाद वे जब अपने घर इंदौर लोटे तो हर किसी इंसान की तरह अच्छी नौकरी की तलाश में लग गये . बहुत कोशिशो के बाद भी उन्हें नाकामी हाथ लगी उनको उनके लायक कोई काम नही मिला . आखरी में थक हार कर उन्होंने अपने पिता के साथ कपडे की दूकान पर काम करना ही ठीक समझा …और अपने पिता के साथ काम करने लगे .
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कपड़े के बिज़नस से प्रॉफिट
उनका कपड़ों का बिज़नेस अच्छा चलने लगा. इस बिज़नस से मिले प्रॉफिट से उन्होंने कई और बिज़नेस शुरू किए जैसे- SAP ट्रेनिंग देना, केमिकल डाई का बिज़नेस. वेबसाइट बनाने का बिज़नेस. लेकिन वर्ष 1999 के बाद कुछ ऐसा हुआ कि अमित के सारे बिज़नेस घाटे में चले गए. उन पर 18 करोड़ का कर्ज चढ़ गया.हालत ऐसी हो गयी की अमित के पास बस में बैठने तक के पैसे नही थे .
बड़े भाई के दोस्त ने दिया साथ
अमित बिज़नस में हुए घाटे से बहुत निराश हो गये बस में सफ़र करने के भी पैसे नही थे तो वो इतना कर्जा कैसे चुकाते फिर उनके जिंदगी में उजाला बनकर आया उनके बड़े भाई का दोस्त (अपूर्व कुमत), अमित ने अपूर्व से स्नैक्स के बिज़नस में 15 लाख का इन्वेस्टमेंट करने के लिए कहा और अपूर्व ने ये बात मान भी ली. फिर उन्होंने एक और फैमिली फ्रेंड को बिज़नेस पार्टनर बनाया.
Yellow डायमंड की शुरुआत
इन तीनो ने सबसे पहले इस कंपनी इंदौर में चिप्स मेकिंग की एक यूनिट लगाई. कुछ जगहों पर तो कंपनी ने प्रतिद्वंद्वी कंपनी फ्रिटो (जो लेज बनाती है) को कड़ी टक्कर दी. कुरकुरे को दी टक्कर अपनी कंपनी को आगे बडाने के लिए इन्होने कुरकुरे को टक्कर देने के लिए 2006 2007 में कंपनी येलो डायमंड ने चुलबुले को लॉन्च किया. कुरकुरे को टक्कर देने के बाद 2009 में येलो डायमंड की कामयाबी को देखते हुए एक ग्लोबल वेंचर कंपनी ने उनकी कंपनी में निवेश किया इससे उन्होंने नई मशीनें खरीदकर पोटैटो चिप्स और नमकीन बनाना शुरू कर दी .धीरे धीरे ये कम्पनी अधिक मुनाफ़ा कमाने लगी जहां पहले इस कंपनी में केवल तीन लोग काम करते थे. आज वहां 750 लोग पूर्ण कर्मचारी हैं. वहीं करीब 3,000 लोग इनडायरेक्टली काम करते हैं.
बांग्लादेश में प्लांट खोलने का प्लान
येलो डायमंड अब अपना एक प्लांट बांग्लादेश में खोलने का प्लान कर रही है.येलो डायमंड IPO लाकर पूंजी बाजार से 482 करोड़ रुपए भी जुटा चुकी है. एनएसई पर पहली बार प्रताप स्नैक्स का शेयर 33 फीसदी प्रीमियम के साथ लिस्ट हुआ था. बीएसई पर प्रताप स्नैक्स का शेयर 1270 रुपये प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुआ था. लिस्टिंग के लिए प्रताप स्नैक्स का इश्यू प्राइस 938 रुपये प्रति शेयर तय किया गया. कुमत का कहना है कि अगले दो सालों में उनकी कंपनी का मार्केट 6500 करोड़ का हो जाएगा.
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