How does Projector work? Types of Projector स्कूल हो या ऑफिस हर जगह पर चीजों को समझाने के लिए प्रोजेक्टर (Projector in Hindi) का उपयोग किया जाता है. आजकल इसका उपयोग काफी कॉमन हो गया है लेकिन काफी सारे लोगों के लिए प्रोजेक्टर अभी भी एक नई डिवाइस है. प्रोजेक्टर के इस्तेमाल से वर्तमान में चीजे काफी आसान बन गई है. खासतौर पर शिक्षा के क्षेत्र में प्रोजेक्टर नई क्रान्ति लेकर आया है. तो चलिये जानते हैं प्रोजेक्टर क्या होता है? (Projector kya hai?) प्रोजेक्टर कैसे काम करता है? प्रोजेक्टर के प्रकार? प्रोजेक्टर की कीमत कितनी होती है?
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प्रोजेक्टर क्या होता है? (What is Projector in Hindi?)
प्रोजेक्टर एक ऐसी डिवाइस है (Projector device explain) जो कंप्यूटर पर दिखाई देने वाली स्क्रीन को बड़ा करके किसी पर्दे या दीवार पर दिखाता है. ये ठीक उसी तरह से काम करता है जिस तरह आप किसी सिनेमाघर में बैठकर किसी फिल्म को देखते हैं. ये कंप्यूटर या लैपटाप से जुड़ा होता है और इसी से इनपुट लेता है. जो कंप्यूटर पर चलाया जाता है वो प्रोजेक्टर में लगे प्रकाश यंत्र के जरिये किसी बाहरी सतह पर दिखाया जाता है. कुल मिलाकर इससे कंप्यूटर स्क्रीन का साइज बढ़ा सकते हैं जिससे काफी सारे लोग उस चीज को देख सकें जो कंप्यूटर पर चल रही है.
प्रोजेक्टर एक ऐसा ऑप्टिकल डिवाइस है जो कि एक इमेज या मुविंग इमेज को किसी सतह पर प्रोजेक्ट करता है. प्रोजेक्टर का आविष्कार Charles Francis Jenkins ने (Projector inventor) साल 1894 में किया था. आज के समय में जो प्रोजेक्टर उपयोग किए जा रहे हैं वो उस समय के प्रोजेक्टर से बिलकुल अलग है. समय के साथ इनकी तकनीक में काफी ज्यादा बदलाव आया है.
प्रोजेक्टर के प्रकार (Types of Projector)
सामान्य तौर पर प्रोजेक्टर को तीन श्रेणियों में बांटा गया है.
1) DLP Projector
DLP का पूरा नाम Digital Light Processing है. ये एक विडियो प्रोजेक्टर है जिसे Texas Instruments के द्वारा बनाया गया था. इसका इस्तेमाल बैक और फ्रंट प्रोजेक्षण के लिए किया जाता है. इसमें किसी सफ़ेद सतह पर इमेज को प्रोजेक्ट करने के लिए माइक्रो मिरर का इस्तेमाल किया जाता है. इन माइक्रो मिरर में सेमीकंडक्टर चिप लगी रहती है.
2) CRT Projector
इन्हें Cathode Ray Tube Projector कहा जाता है. इसमें प्रोजेक्टर के ऊपर एक छोटी कैथोड रे ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है जिससे कि इमेज की ब्राइटनेस ज्यादा रहती है. प्रोजेक्टर में सामने एक लेंस रहता है जो इमेज को प्रोजेक्ट करता है और स्क्रीन पर दिखाता है. इसमें प्रोजेक्टर तीन रंगों Red, Green, Blue पर कार्य करता है. ये आकार में बड़े होते हैं और इनमें बिजली की खपत भी ज्यादा होती है.
3) LCD Projector
LCD का पूरा नाम Liquid Crystal Display होता है और ये प्रोजेक्टर एलसीडी के सिद्धांतों पर ही कार्य करता है. ये किसी इमेज को स्क्रीन पर प्रोजेक्ट करने के लिए Liquid Crystal का उपयोग करता है. सभी प्रोजेक्टर में इसे सबसे अच्छा माना जाता है. इसका प्रयोग फिल्म मेकिंग में किया जाता है. आप इसके द्वारा ज्यादा दूर तक इमेज को या विडियो को प्रोजेक्ट कर सकते हैं.
प्रोजेक्टर का उपयोग (Use of Projector)
प्रोजेक्टर का उपयोग आजकल कई कामो के लिए किया जाता है.
– सिनेमाहाल में फिल्म दिखाने के लिए प्रोजेक्टर का इस्तेमाल किया जाता है.
– बिजनेस में प्रिजेंटेशन देने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है.
– बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल तथा कोचिंग में इसका इस्तेमाल किया जाता है.
– ऑनलाइन स्टडी के लिए भी प्रोजेक्टर का उपयोग किया जाता है.
– किसी फंक्शन में विडियो को चलाने के लिए और सभी को दिखाने के लिए प्रोजेक्टर का उपयोग किया जाता है.
– किसी वीडियो गेम को यदि बड़ी स्क्रीन पर खेलना हो तो उसके लिए प्रोजेक्टर का उपयोग किया जाता है.
प्रोजेक्टर कैसे काम करता है? (How projector works?)
आज के समय में कई तरह के प्रोजेक्टर मार्केट में मिल रहे हैं. जिनमें कई तरह के अनार होते हैं लेकिन काम करने की शैली लगभग सभी में एक जैसी होती है. इसमें कंप्यूटर या लैपटाप के माध्यम से प्रोजेक्टर तक विजुयल को भेजा जाता है. इसके बाद ये विजुयल लाइट के रूप में प्रोजेक्टर से बाहर निकलते हैं. लाइट को एम्प्लीफाई करने के लिए इसमें लेंस लगे होते हैं जो विजुयल को बड़ा बनाते हैं. इस तरह ये हमें छोटे विजुयल को बड़ा करके किसी दीवार या प्रोजेक्टर स्क्रीन पर दिखाई देते हैं. इसके लिए आमतौर पर पर्दे का उपयोग किया जाता है जो सफ़ेद रंग का होता है. प्रोजेक्टर अच्छी क्वालिटी के विजुयल दे इसके लिए कमरे में ज्यादा से ज्यादा अंधेरा होना चाहिए.
प्रोजेक्टर के फायदे (Projector Benefits)
प्रोजेक्टर से आपको कई तरह के फायदे मिलते हैं.
– प्रोजेक्टर की मदद से आप एक साथ 100 या उससे भी ज्यादा स्टूडेंट को एक ही जगह पर पढ़ा सकते हैं.
– प्रोजेक्टर का इस्तेमाल आप किसी भी प्लेन दीवार पर कर सकते हैं.
– इसमें आप फोटो और वीडियो को बहुत ही बड़े आकार में देख सकते हैं. इससे आँखों के देखने की परेशानी खत्म हो जाती है.
– इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना आसान होता है. साइज में ये किसी डीवीडी प्लेयर की तरह होता है.
प्रोजेक्टर की कीमत कितनी होती है? (Projector Price in India)
प्रोजेक्टर आज के समय में ऐसी डिवाइस बन गई है जो कम कीमत में भी आती है और ज्यादा कीमत में भी आती है. आप इसे 10 हजार रुपये के अंदर भी खरीद सकते हैं. इसमें आपको कम दूरी में अच्छी क्वालिटी मिलेगी. लेकिन यदि आप अच्छी क्वालिटी का प्रोजेक्टर खरीदना चाहते हैं तो आपको कम से कम 30 से 40 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ेंगे. प्रोजेक्टर की क्वालिटी पर ही इसकी कीमत निर्भर करती है. प्रोजेक्टर को खरीदने के बाद उसका उचित रखरखाव बेहद जरूरी है. नहीं तो प्रोजेक्टर खराब भी हो सकता है.
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टेक्नोलॉजी के युग में प्रोजेक्टर का उपयोग तेजी से बढ़ा है. आजकल कॉर्पोरेट कंपनियाँ इसका सबसे ज्यादा उपयोग कर रही है. वहीं दूसरी ओर शिक्षा में भी इसका उपयोग किया जा रहा है. ये प्रोजेक्टर ब्लैकबोर्ड के कार्य को भी खत्म कर रहे हैं. आजकल स्कूल, कॉलेज, कोचिंग आदि में प्रोजेक्टर के जरिये ही पढ़ाई कराई जाती है. इससे पढ़ाना आसान होता है और स्टूडेंट के लिए किसी कान्सैप्ट को समझना भी इसके जरिये आसान हो जाता है. प्रोजेक्टर का उपयोग सिनेमाघरों में काफी पुराने समय से होता आ रहा है. सिनेमाघर में आपको प्रोजेक्टर का एक बढ़िया उदाहरण देखने को मिल सकता है.