अपने कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर का उपयोग हम सभी करते हैं लेकिन वो कौन सा सॉफ्टवेयर है इस बारे में नहीं जानते हैं. मतलब वो Open Source Software है या फिर Paid या Licensed Software है. Open Source Software आजकल काफी ज्यादा पॉपुलर है. इनकी आज के समय में काफी ज्यादा डिमांड है.
Open Source Software kya hai? Open Source Software कैसे काम करते हैं? ये सारी जानकारी आप इस लेख में पढ़ने वाले हैं.
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Open Source Software क्या होता है?
What is Open Source Software? कंप्यूटर में काफी सारे सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किये जाते हैं. जैसे MS Office, Paint, Notepad, Photoshop, Corel Draw. ये सब सॉफ्टवेयर ही हैं. ये सभी दो तरह के सॉफ्टवेयर होते हैं. एक सॉफ्टवेयर वो होता है जिसे आप पैसे देकर खरीदते हैं. इसमें सारा कंट्रोल उस कंपनी के पास रहता है जिससे आपने इसे खरीदा है.
दूसरे वो सॉफ्टवेयर होते हैं जिन्हें आपने किसी से लिया है, कहीं से डाउनलोड किया है. मतलब ऐसे सॉफ्टवेयर जिन्हें आपने कंपनी से नहीं खरीदा है. उन्हें Free Software या कभी-कभी पाइरेटेड सॉफ्टवेयर भी कहा जाता है.
इन सभी के बीच में आते हैं Open Source Software. ये ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जो फ्री होते हैं लेकिन पायरेटेड भी नहीं होते हैं.
असल में कंपनियां कुछ अच्छे बदलाव के मकसद से अपने सॉफ्टवेयर को ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में डेवलपर के बीच लांच कर देती है.जिसके बाद डेवलपर इन सॉफ्टवेयर में अपनी तरफ से बदलाव कर सकते हैं.
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर ऐसे सॉफ्टवेयर होते हैं जिनकी कोडिंग में कोई भी व्यक्ति बदलाव कर सकता है. उसमें कोई नया फीचर जोड़ सकता है, कोई new function add कर सकता है, सॉफ्टवेयर की थीम बदल सकता है. ये सारे काम कोई डेवलपर ही कर सकता है इसलिए कंपनियां इन्हें ओपन सोर्स करके डेवलपर को दे देती है.
ओपन सोर्स का मतलब होता है कि उस सॉफ्टवेयर की बनावट में कोई भी व्यक्ति बदलाव कर सकता है. कोई भी व्यक्ति उसके कोड कॉपी कर सकता है.
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर कैसे काम करते हैं?
Open Source Software एक आम सॉफ्टवेयर की तरह ही काम करता है. इसके फ़ंक्शन भी दूसरे सॉफ्टवेयर की तरह ही होते हैं. बस इसके फीचर्स में कुछ बदलाव हो सकते हैं जिन्हें डेवलपर द्वारा किया जा सकता है. हालांकि अगर आप खुद एक डेवलपर है तो आप उस सॉफ्टवेयर को अपनी जरूरत के हिसाब से बदल सकते हैं. इसकी कोडिंग में थोड़े बहुत चेंज भी कर सकते हैं.
इन्हें खरीदने के लिए आपको कोई पैसा देने की जरूरत भी नहीं होती है. अगर आप पर्सनल इस्तेमाल के लिए किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आप खरीदने की बजाय ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं.
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के फायदे
Open Source Software के कई सारे फायदे देखने को मिलते हैं जैसे :
– ये बिल्कुल फ्री होते हैं और ये आसानी से आपको मिल जाते हैं. आपको इन्हें ढूँढने या इंस्टॉल करने में ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है.
– Open Source Software में आपको पैड सॉफ्टवेयर से अच्छी क्वालिटी मिल सकती है क्योंकि डेवलपर खुद इसे बार-बार अपडेट करते रहते हैं और इसके बग को दूर करते रहते हैं.
– इन्हें इस्तेमाल करने के लिए आपकी किसी निश्चित कंपनी पर निर्भरता खत्म हो जाती है.
– इन्हें आप अपनी जरूरत के हिसाब से मोडिफ़ाई भी कर सकते हैं.
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के नुकसान
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के कुछ नुकसान भी देखने को मिलते हैं.
– ये पूरी तरह फ्री होते हैं इसलिए कंपनियों को इनसे मुनाफा कमाने के दूसरे रास्ते खोजना पड़ते हैं.
– इन्हें यूजर फ़्रेंडली बनाया जाता है लेकिन इनके इंटरफ़ेस पर खास ध्यान नहीं दिया जाता.
– इनमें कस्टमर सपोर्ट नहीं मिल पाता है. यदि गलती से सॉफ्टवेयर क्रैश कर जाता है इसका कोई डाटा डिलीट हो जाता है तो आपको कोई मदद नहीं मिल पाती है.
– ये ओपन सोर्स होते हैं मतलब कोई भी इनमें कुछ भी बग रख सकता है इसलिए यूजर की दृष्टि से ये थोड़े रिस्की साबित हो सकते हैं.
लोग ओपन सोर्स को क्यों पसंद कर रहे हैं?
किसी सॉफ्टवेयर को खरीदने से ज्यादा लोग फ्री सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना बेहतर समझते हैं. हालांकि ये उचित तो नहीं है लेकिन फिर भी लोगों का रुझान ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की ओर ज्यादा है इसकी कुछ खास वजह है.
– ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर लोगों का खुद का कंट्रोल ज्यादा होता है. यदि वे Coding के बारे में जानते हैं तो खुद ही अपने हिसाब से सॉफ्टवेयर को मोडिफ़ाई कर सकते हैं. जबकि पैड सॉफ्टवेयर में उन्हें कंपनी पर निर्भर रहना पड़ता है.
– इसकी मदद से कोडिंग सीख रहे काफी स्टूडेंट ट्रेनिंग ले सकते हैं. ये ओपन सोर्स होते हैं इसलिए कोई भी व्यक्ति इनकी कोडिंग से सीखकर कोई नया सॉफ्टवेयर भी तैयार कर सकता है.
– कुछ लोग मानते हैं कि इनमें सिक्योरिटी ज्यादा रहती है. इसकी वजह ये है कि डेवलपर इन्हें बहुत ही जल्द अपडेट करते रहते हैं. सॉफ्टवेयर में हुई गलतियों को ये लोग बहुत जल्दी खत्म कर देते हैं.
– ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की एक खास बात ये होती है कि आप इन्हें लंबे समय तक बिना किसी रुकावट के उपयोग कर सकते हैं. जबकि खरीदे गए सॉफ्टवेयर में आपको हर चीज का पैसा देना पड़ता है.
क्या सभी ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर फ्री होते हैं?
ऐसा जरूरी नहीं है कि हर ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर फ्री ही हो. मान लीजिए कि Photoshop ने अपना ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर लांच किया है तो ये कंपनी का खुद का फैसला है. अब डेवलपर इसमें कुछ बदलाव करके उसी सॉफ्टवेयर को यदि लोगों तक पहुंचाते हैं तो वो इसके लिए कोई पैसा चार्ज नहीं कर सकते क्योंकि असल में ये सॉफ्टवेयर तो कंपनी ने बनाया है.
लेकिन यदि कोई डेवलपर ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर की कोडिंग की मदद से कोई नया सॉफ्टवेयर बनाता है तो वो इसे बेच सकता है, मतलब आपसे इसे डाउनलोड करने के पैसा ले सकता है क्योंकि पूरा सॉफ्टवेयर डेवलपर ने बनाया है.
Free and open-source software कुछ हद तक अच्छे होते हैं लेकिन यदि आप कमर्शियल तौर पर इनका इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको नुकसान भी हो सकता है. जैसे आपकी कंपनी का अधिकतर काम Excel पर होता है और उसी के लिए आपने ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का उपयोग किया है तो ये कभी भी काम करना बंद कर सकता है जिसके बाद आपकी कंपनी का सारा डाटा डिलीट भी हो सकता है या फिर आपने जो मेहनत की है वो बर्बाद भी हो सकती है.
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ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हमेशा निजी कार्यों के लिए ही करना चाहिए. बड़े लेवल पर आपको हमेशा सॉफ्टवेयर को खरीदकर ही इस्तेमाल करना चाहिए.