आपने किसी प्रोडक्ट को ऑनलाइन मंगवाया और उस प्रोडक्ट की जगह साबुन या फिर पत्थर निकला. ऐसे में आपका पैसा तो गया साथ ही आपका प्रोडक्ट भी आपको नहीं मिला. इस तरह की शिकायतों को दर्ज करने के लिए सरकार एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म लेकर आई है जिसका नाम e-Daakhil Portal है. इस पोर्टल की मदद से आप अपनी शिकायत को ऑनलाइन दर्ज कर पाएंगे.
आजकल लोग बड़ी मात्रा में Online Shopping करते हैं. लोग इस पर अपनी जरूरत का हर सामान मंगवाने लग गए हैं. खाने के लिए सब्जियां मंगवानी हो या फिर काम करने के लिए कोई महंगा स्मार्टफोन, लैपटॉप या कैमरा. हर सामान आपको ऑनलाइन मिल जाता है.
ऑनलाइन सामान के साथ दो समस्या प्रमुख रूप से आती हैं. एक तो आप इन्हें अपने हिसाब से जांच-परख कर खरीद नहीं सकते. दूसरा डिलीवरी के समय यदि मंगाए गए सामान की जगह और कुछ निकल जाए तो उसे पाने में बहुत दिक्कत आ जाती है.
ऑनलाइन प्रोडक्ट मंगवाने पर कई बार साबुन, पत्थर या किताब निकले हैं. आपने भी सोशल मीडिया पर इस तरह की कई खबरों को देखा और पढ़ा होगा. इस तरह के फ्रॉड हो जाने पर अब आप सीधे सरकार के पास अपनी शिकायत को दर्ज करवा सकते हैं. जिसके बाद सरकार संबंधित कंपनी से बात करके आपकी समस्या का समाधान करेगी.
सरकार ने इसी काम के लिए एक नया पोर्टल e-Daakhil Portal को लांच किया है. e-Daakhil Portal क्या है और किस तरह से काम करेगा? इसके बारे में हम आगे जानने वाले हैं.
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e-Daakhil Portal क्या है?
अभी तक आपने अंदाजा लगा लिया होगा कि e-Daakhil Portal Kya hai? ये एक ऐसा पोर्टल है जिस पर आप ऑनलाइन खरीदारी के दौरान यदि आपके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी होती है तो आप इस पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
आजकल कई अलग-अलग तरह के स्कैम सामने आ रहे हैं, जिनकी शिकायत के लिए कोई अलग से संस्था या पोर्टल नहीं है. जैसे ऑनलाइन प्रोडक्ट खरीदने पर उसकी जगह पर यदि साबुन निकल जाए तो आप किसे शिकायत करेंगे? आप सीधा उस कंपनी को फोन लगाएंगे जिस पर आपने ऑर्डर किया था.
अब कंपनी की मर्जी या उसकी पॉलिसी है वो वापस आपको वो प्रोडक्ट भेजे या न भेजे. लेकिन इस धोखाधड़ी में कहीं से कहीं तक भी सरकार का दखल नहीं था. इसलिए अब इस तरह का फर्जीवाड़ा होने या धोखाधड़ी होने पर आप सीधे सरकार के पास इस पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
e-Daakhil Portal पर Complaint Register कैसे करें?
आपके साथ या किसी और व्यक्ति के साथ Online Shopping के दौरान या फिर Offline Shopping मे भी फर्जीवाड़ा हो जाता है तो आप उसकी शिकायत यहां दिए गए तरीके से ई-दाखिल पोर्टल पर पर सकते हैं. ये काफी आसान है और बहुत ही कम फीस के साथ आप यहाँ अपनी शिकायत को दर्ज कर सकते हैं.
शिकायत दर्ज करने के लिए दस्तावेज
आप शिकायत को ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं लेकिन उसके लिए आपको कुछ दस्तावेज की आवश्यकता रहेगी. इन्हें आप पहले से ही अपने स्मार्टफोन में स्कैन करके रखें.
– दुकानदार या कंपनी को भेजा गया नोटिस
– शिकायत का ड्राफ्ट
– प्रोडक्ट का बिल, गारंटी या वारंटी कार्ड
– आपका पहचान पत्र या पहचान जाहिर करने वाला कोई दस्तावेज
– मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
– शिकायत प्रोडक्ट खरीदने के दो वर्ष के भीतर ही करनी होगी.
शिकायत कैसे दर्ज करें?
शिकायत दर्ज करने से पहले अपने पास सभी दस्तावेज को इकट्ठा करके रख लें. इसके बाद नीचे दिया गया प्रोसेस फॉलो करें.
– सबसे पहले तो e-daakhil portal पर जाएं.
– इसके बाद ऊपर दिए गए सेक्शन Complaint/Advocate Section पर क्लिक करना है.
– इसके अंदर Registration के ऑप्शन पर क्लिक करें.
– यहाँ एक फॉर्म खुलेगा. इसमें पूछी गई जानकारी जैसे ईमेल आईडी, नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, पासवर्ड, मोबाइल नंबर, स्थाई पता, आईडी प्रूफ अपलोड करके सबमिट करना होता. ऐसा करके आप अपना Account इस पर बना सकते हैं.
– अकाउंट बनाने से आपको Username जो आपका Email ID होगा और Password मिल जाएगा.
– अब ऊपर वाले सेक्शन Complaint/Advocate Section में जाकर Login के ऑप्शन पर क्लिक करना है.
– अब अपनी ईमेल आईडी और पासवर्ड की मदद से लॉगिन करें.
– Login करने के बाद आपको Filling (By Complaint/Advocate) पर क्लिक करें और File a New Case पर क्लिक करें.
– अब आपके सामने Consumer Case का ऑप्शन आएगा इस पर क्लिक करें.
– अब ये आपको केस फाइल करने की फीस के बारे में बताएगा. इसे देखकर Continue पर क्लिक करें.
– अब एक और नया फॉर्म खुलेगा जिसमें आपको शिकायतकर्ता की डीटेल और जिसके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं उसकी डिटेल्स देनी होगी.
– इसके बाद आपको अपने जरूरी डॉक्यूमेंट जैसे शिकायत का फॉर्मेट, अपने पहचान पत्र और प्रोडक्ट का बिल, वारंटी आदि अपलोड करके सबमिट करना होता है.
– आखिर में आपको अपना Preview देखकर इसका पेमेंट करना होता है.
– आप नेट बैंकिंग या अपने डेबिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट कर सकते हैं.
– इसके बाद आपको एक रसीद और एक रिफ्रेन्स नंबर दिया जाता है जिसे आप एक PDF के रूप में अपने पास सेव करके रख लें.
इस तरह आप ई दाखिल पोर्टल पर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
E-Daakhil Fees
ई दाखिल पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए आपको फीस भी देनी होती है. ये फीस आपके द्वारा खरीदे गए प्रोडक्ट के हिसाब से ली जाती है. जैसे आपने कोई 50 हजार रुपये का स्मार्टफोन ऑनलाइन शॉपिंग या ऑफलाइन शॉपिंग से खरीदा.
अब मान लीजिए कि ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए जब वो प्रोडक्ट आपको रिसीव हुआ तो उसकी जगह कोई टूटा-फूटा फोन निकला या उसकी स्क्रीन अंदर ही अंदर चटक गई. अब कंपनी उस स्क्रीन को वारंटी में होने के बावजूद भी सही करने से इनकार कर रही है. तो ऐसी स्थिति में आप 50 हजार रुपए के स्मार्टफोन के लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इसकी फीस निम्न तरह से होती है.
– 5 लाख रुपये तक के सामान पर आपको कोई फीस नहीं देनी है.
– 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के सामान पर आपको 200 रुपये फीस देनी होगी.
– 10 लाख से 20 लाख रुपये तक के प्रोडक्ट पर आपको 400 रुपये फीस देनी होगी.
– 20 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक के प्रोडक्ट आपको 1000 रुपये फीस देनी होती है.
– 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक के प्रोडक्ट पर आपको 2000 रुपये फीस देनी होती है
– एक करोड़ रुपये से 2 करोड़ रुपये तक के प्रोडक्ट पर आपको 2500 रुपये फीस देनी होती है.
– 2 करोड़ रुपये से 4 करोड़ रुपये तक के प्रोडक्ट पर आपको 3000 रुपये फीस देनी होती है.
– चार करोड़ रुपये से लेकर 6 करोड़ रुपये तक के प्रोडक्ट के लिए आपको 4000 रुपये फीस देनी होगी.
– 6 करोड़ रुपये से लेकर 8 करोड़ रुपये तक के प्रोडक्ट के लिए आपको 5000 रुपये फीस देनी होगी.
– 8 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक के प्रोडक्ट के लिए आपको 6000 रुपये फीस देनी होगी.
– 10 करोड़ से अधिक के प्रोडक्ट के लिए आपको 7500 रुपये फीस देनी होगी.
यहाँ एक बात का और ध्यान रखें कि
– एक रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक के लिए आपको District Forum में केस केस करना है.
– एक करोड़ रुपये से दस करोड़ रुपये तक के लिए आपको State Forum में केस करना है.
– 10 करोड़ से अधिक रुपये के लिए आपको National Forum में केस करना होगा.
भारत में ग्राहकों के कानून
भारत में ग्राहकों के हितों की रक्षा करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 को लागू किया था. इस कानून की कुछ खास विशेषताएं हैं.
– उपभोक्ता वह व्यक्ति है जो को अपने इस्तेमाल के लिए किसी वस्तु या सेवा को खरीदता है. इसके तहत वे व्यक्ति नहीं आते हैं जो कमर्शियल उद्देश्य के साथ वस्तु या सेवा को खरीदते हैं.
– ऐसी वस्तु या सेवा की मार्केटिंग न की जाए जो जीवन या संपत्ति के लिहाज से जोखिम भरा साबित हो सकता है.
– प्रोडक्ट बेचने वालों को सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, शुद्धता, मानक और मूल्य की जानकारी देना जरूरी होगा.
– अनुचित या प्रतिबंधित व्यापार की स्थिति में मुआवजे की मांग की जा सकती है.
इसके तहत एक संस्था है जिसका नाम केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण यानी CCPA कहा जाता है.
– ये संस्था भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों की जांच करती है.
– भ्रामक विज्ञापन के लिए निर्माता और प्रचारित करने वाले को 10 लाख रुपये जुर्माना और दो साल की जेल की सजा हो सकती है.
इसके लिए एक और संस्था उपभोक्ता विवाद निवारण कमीशन यानी CDRC कहा जाता है. ये संस्था अनुचित और प्रबंधित तरीके से व्यापार, दोषपूर्ण प्रोडक्ट बेचने की शिकायत का निपटारा करते हैं.
ग्राहक के साथ यदि किसी तरह का फर्जीवाड़ा या धोखाधड़ी होती है तो उसके लिए वे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत इस पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको पहले उन्हें नोटिस भेजना होगा.
यदि नोटिस में वे आपका जवाब नहीं दे रहे हैं या फिर प्रोडक्ट को ठीक नहीं करने के बारे में कह रहे हैं तो आप उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं. ये शिकायत आप प्रोडक्ट को खरीदने के दो वर्ष के भीतर दर्ज करवा दें. इसमें ज्यादा देर न होने दें. अगर दो साल पुरानी बात हो जाती है तो आप शिकायत दर्ज नहीं कर पाएंगे.