Franchise क्या होती है, फ्रेंचाईजी बिजनेस कैसे शुरू करें?

How to Start a Franchise Business? दुनिया में पैसा कमाने के कई रास्ते हैं जिनमें से दो प्रमुख रास्ते Naukri और Business है. अगर आप एक सीमित इनकम चाहते हैं तो आप जॉब कर सकते हैं, जिसमें हर महीने एक नियमित आमदनी होती है. अगर आप असीमित पैसा कमाना चाहते हैं तो आप Business कर सकते हैं. जिसमें आप अपने स्किल के आधार पर बहुत सारा पैसा कमा सकते हैं. बात जब बिजनेस की हो रही है तो आपको बिजनेस के विस्तार के बारे में भी सोचना पड़ता है.

हर व्यक्ति एक ऐसा बिजनेस मॉडल चाहता है जिसमें वो कम मेहनत में ज्यादा पैसा कमा पाये. इसके लिए फ्रेंचाईजी काफी बेस्ट ऑप्शन होता है. अगर आप अपने बिजनेस को Franchise Model पर ले जाना चाहते हैं तो आपको जानना चाहिए कि (What is a Franchise Business) फ्रेंचाईजी क्या होती है? फ्रेंचाईजी बिजनेस कैसे शुरू करें? 

फ्रेंचाईजी क्या होती है? Franchise Business in Hindi

Franchise Business का एक मॉडल है. जब आप बिजनेस करते हैं तो आप अपने बिजनेस का विस्तार चाहते हैं. बिजनेस का विस्तार करने के दो रास्ते हैं. एक रास्ता ये है कि आप खुद जगह-जगह पर अपने बिजनेस में पैसा लगाकर अलग-अलग जगह पर अपना बिजनेस शुरू करें. दूसरा रास्ता ये है कि लोग आपके बिजनेस में पैसा लगाकर आपका बिजनेस आगे बढ़ाए. दूसरे वाले मॉडल को ही फ्रेंचाईजी कहा जाता है. इसमें आपका जो बिजनेस है वो बिजनेस उसी नाम से दूसरा व्यक्ति करता है और आपके प्रॉडक्ट को सेल करता है.

इसमें कंपनी का मालिक अपने बिजनेस का लोगो, बिजनेस का नाम, बिजनेस मॉडल और बिजनेस से संबन्धित अधिकारों को दूसरे व्यक्ति को बेचता है. इससे उस बिजनेस पर काफी हद तक उस तीसरे व्यक्ति आ अधिकार आ जाता है जिसने आपकी फ्रेंचाईजी खरीदी है. हालांकि आप कुछ नियम जारी करके इसे अपने हिसाब से भी ऑपरेट कर सकते हैं. इसके कई उदाहरण है जैसे अमूल पार्लर, पोस्ट ऑफिस, पतंजलि, पेट्रोल पंप, जन औषधि केंद्र आदि.

फ्रेंचाईजी के प्रकार Types of Franchise

फ्रेंचाईजी कई तरह की हो सकती है. ये मुख्य तौर पर आपके बिजनेस मॉडल या आपके प्रॉडक्ट पर निर्भर करती है. आप कई अलग-अलग तरह से फ्रेंचाईजी दे सकते हैं.

प्रॉडक्ट फ्रेंचाईजी Product Franchise

ये फ्रेंचाईजी का काफी पुराना और सबसे ज्यादा प्रचलित तरीका है. इसमें आप सिर्फ प्रॉडक्ट बनाते हैं और डीलर को दे देते हैं. डीलर अपने हिसाब से आपके प्रॉडक्ट को सेल करते हैं और आपके बिजनेस को फायदा पहुंचाते हैं. वर्तमान में कई बड़े बिजनेस इसी मॉडल पर काम कर रहे हैं. इस तरह की फ्रेंचाईजी में डीलर को निर्माणकर्ता कंपनी को कुछ शुल्क का भुगतान करना पड़ता है और फिर वो उस कंपनी के प्रॉडक्ट को अपने शहर में या अपने एरिया में बेच सकता है.

जैसे मान लीजिये कि मसालों की कोई नई कंपनी शुरू हुई है. अब उस कंपनी ने तो मसाले बना लिए लेकिन उन्हें लोगों तक कैसे पहुंचाए. अब इसके लिए या तो उसे किसी मार्केटिंग टीम का सहारा लेना पड़ेगा, या फिर टीवी, रेडियो, न्यूज़पेपर में अपना विज्ञापन देना पड़ेगा. या फिर वो किसी डीलर से संपर्क करके अपने प्रॉडक्ट को उस एरिया की दुकानों तक सेल कर सकता है.

दुकानदार आपके प्रॉडक्ट को प्रिफ्रेंस देकर बेचता है और इस तरह आपकी सेल काफी ज्यादा बढ़ने की उम्मीद रहती है. इसमें प्रॉडक्ट को सेल करने की ज़िम्मेदारी उस डीलर की होती है जिसमें आपसे प्रॉडक्ट फ्रेंचाईजी ली है. इसके लिए आप खुद किसी डीलर से संपर्क कर सकते हैं या फिर कोई डीलर आपसे खुद संपर्क कर सकता है. आप उससे शुरुवाती तौर पर कुछ शुल्क ले सकते हैं या फिर अपने प्रॉडक्ट को उसके जरिये कमीशन के बेस पर बिकवा सकते हैं. इसके कई रास्ते हैं.

मैन्युफैक्चरिंग फ्रेंचाईजी Manufacturing Franchise

इस तरह की फ्रेंचाईजी में कंपनी का काफी फायदा होता है लेकिन इसके लिए उस कंपनी का प्रॉडक्ट काफी ज्यादा पॉपुलर होना चाहिए. इस तरह की फ्रेंचाईजी में आपका जो प्रॉडक्ट होता है उसे बनाने और बेचने का अधिकार किसी थर्ड पार्टी के पास चला जाता है.

इसमें फायदा ये है कि आप किसी प्रॉडक्ट के निर्माण की कंपनी चला रहे हैं और आपके शहर में वो प्रॉडक्ट काफी बिक रहा है. अब आप चाह रहे हैं कि उस प्रॉडक्ट को आप दूसरे शहरों तक भी ले जाए और वहाँ भी ये खूब बिके. लेकिन आपके पास इतना पैसा और इन्फ्रा नहीं है कि आप दूसरे शहर में उस प्रॉडक्ट को बनाने और बेचने का पूरा सेटअप कर पाये. इसके अलावा यदि आप अपने शहर से दूसरे शहर में उस प्रॉडक्ट को बनाकर भेजेंगे तो ये आपको काफी महंगा पड़ेगा. ऐसे में आप अपनी फ्रेंचाईजी किसी थर्ड पार्टी को या किसी दूसरी कंपनी को दे सकते हैं ताकि वो अपने सेटअप के जरिये आपके प्रॉडक्ट को मैन्युफैक्चर कर सके और उसे सेल करवा सके.

इस तरह की फ्रेंचाईजी में आप किसी मैन्युफैक्चर कंपनी या किसी व्यक्ति के साथ समझौता कर सकते हैं. इसमें वो व्यक्ति खुद ही आपके प्रॉडक्ट को बनाएगा, उसकी पैकिंग आपके अनुसार करवाएगा. इसके बाद आप किसी मार्केटिंग टीम के जरिये या डीलर के जरिये उसे उस शहर में सेल करवा सकते हैं या फिर विज्ञापन के जरिये उस शहर में उस प्रॉडक्ट के बारे में दूसरों को बता सकते हैं और डिमांड बढ़ा सकते हैं. बिजनेस के विस्तार के लिए इस तरह की फ्रेंचाईजी काफी फायदेमंद होती है. क्योंकि इसमें बिजनेस का विस्तार करने में आपका पैसा काफी कम लगता है. आप दूसरों के पास के साधन से ही अपने प्रॉडक्ट को और भी ज्यादा डिमांड में ला सकते हैं. इस तरह की फ्रेंचाईजी में उस प्रॉडक्ट को बनाने के तरीके, उसकी पैकिंग से संबन्धित अधिकारों को आप अपने पास रख सकते हैं.

बिजनेस फ्रेंचाईजी वेंचर Business Franchise Venture

ये कुछ हद तक प्रॉडक्ट फ्रेंचाईजी की तरह ही है. इसमें फ्रेंचाईजी लेने वाला व्यक्ति आपसे उत्पाद खरीदकर ग्राहक को बेचता है. मान लीजिये आपका कोई प्रॉडक्ट है जो मार्केट में खूब डिमांड में है तो आप उस प्रॉडक्ट को किसी डीलर को बेचने के लिए फ्रेंचाईजी दे सकते हैं. फिर वो डीलर आपको कस्टमर बेस प्रदान करता है यानि वो लोगों तक आपके प्रॉडक्ट को पहुंचाने का काम करता है. इस तरह के बिजनेस मॉडल में भी आपको प्रॉडक्ट मैन्युफैक्चर करने के अलावा कुछ नहीं करना है क्योंकि बेचने का काम आप फ्रेंचाईजी के जरिये करवा सकते हैं. इसका प्रमुख उदाहरण वेंडिंग मशीन है. जिसमें फ्रेंचाईजी लेकर कोई व्यक्ति वेंडिंग मशीन ले सकता है और फिर उसके प्रॉडक्ट को वो वेंडिंग मशीन के जरिये बेच सकता है.

बिजनेस फॉर्मेट फ्रेंचाईजी Business Format Franchise

भारत में आपने फ्रेंचाईजी करने का जो सबसे ज्यादा तरीका देखा है वो ये है. इसे ही सीधे तौर पर फ्रेंचाईजी देना कहा जाता है. इस तरह की फ्रेंचाईजी में आपका कोई बिजनेस मॉडल रहता है. आप बस उस बिजनेस मॉडल को किसी व्यक्ति को बेचते हैं. इसके बाद सारी ज़िम्मेदारी उस व्यक्ति की रहती है कि वो किस तरह उस फ्रेंचाईजी के बिजनेस को चलाएगा. इस तरह की फ्रेंचाईजी में आप सामने वाले व्यक्ति से पैसा लेकर उसके लिए सारा सेटअप तैयार करवाते हैं जो आपके बिजनेस मॉडल का रहता है. उस व्यक्ति और उसकी टीम को ग्राहकों के साथ पेश आने और प्रॉडक्ट को सेल करने की ट्रेनिंग देते हैं, उन्हें जरूरी मशीनरी उपलब्ध करवाते हैं, उन्हें बेचने के लिए प्रॉडक्ट उपलब्ध करवाते हैं और उसके बिजनेस में कोई समस्या आने पर उसका समाधान करते हैं. इस बिजनेस मॉडल के लिए आपको थोड़े बड़े सेटअप और अच्छी टीम की जरूरत पड़ती है.

इस तरह का प्रमुख मॉडल अमूल पार्लर है. जिसमें अगर आप उनके प्रॉडक्ट को बेचना चाहते हैं या फिर अमूल पार्लर खोलना चाहते हैं तो आपको अमूल से फ्रेंचाईजी लेना पड़ेगी. फ्रेंचाईजी लेने के लिए आपको कुछ रॉयल्टी रकम देनी होती है और अमूल पार्लर को बनाने के लिए जिन सामानों की जरूरत लगती है जैसे फ्रीजर, फर्नीचर आदि के लिए आपको पैसा जमा करना होता है. इसके बाद निर्माता कंपनी अपनी तरफ से टीम भेजकर आपकी बताई गई दुकान पर अमूल पार्लर को बनाती है और आपका अमूल पार्लर शुरू हो जाता है. इसमें बेचने के लिए प्रॉडक्ट भी अमूल पार्लर उपलब्ध करवाती है. जिन्हें बेचने पर आपको कुछ प्रतिशत कमीशन मिलता है. इसी तरह कई सारी कंपनियाँ जैसे पतंजलि, सबवे, जावेद हबीब ब्यूटी पार्लर एंड सेलून, DTDC कोरियर, लेंसकार्ट आदि हैं.

फ्रेंचाईजी बिजनेस के फायदे Benefits of Franchise Business

फ्रेंचईजी बिजनेस आप कितने तरीके से कर सकते हैं ये तो आप समझ गए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्हें करने से आपका क्या फायदा होगा?

– फ्रेंचाईजी देकर आप अपने बिजनेस का विस्तार बहुत तेजी से कर सकते हैं.

– फ्रेंचाईजी के कारण आपको अपने बिजनेस का विस्तार करने के लिए खुद से पैसा नहीं लगाना पड़ता है. इसमें दूसरे लोग आपके बिजनेस में पैसा लगाते है. इससे आपका बिजनेस बढ़ता रहता है और आपकी ब्रांडिंग भी होती रहती है.

– कई बार हमें ये पता नहीं होता है कि हमारा प्रॉडक्ट किस एरिया में चलेगा या किस एरिया में नहीं चलेगा. ये बात उस एरिया में रहने वाला व्यक्ति बहुत अच्छे से जानता है. अगर आप फ्रेंचईजी देते हैं तो लोग अपनी जरूरत के हिसाब से उस एरिया में आपके बिजनेस को चलाते हैं जिसमें वो चल सकता है. इससे आपका नुकसान कम होने की संभावना काफी कम हो जाती है.

फ्रेंचाईजी बिजनेस कैसे शुरू करें? How to Start a Franchise Business?

फ्रेंचाईजी के फायदे के बारे में जानकर आप भी अपने बिजनेस को फ्रेंचाईजी मॉडल पर ले जाने की सोच रहे होंगे. लेकिन अपने बिजनेस को फ्रेंचाईजी में ले जाने से पहले आपको कुछ बातों को जान लेना चाहिए.

– आपको अपने बिजनेस को फ्रेंचाईजी पर लेकर तब जाना चाहिए जब आपके प्रॉडक्ट की डिमांड काफी ज्यादा हो. मान लीजिये कि आपने अपने एरिया में अपनी कोई होटल या रेस्टोरेन्ट शुरू किया. अब वहाँ पर आपका रेस्टोरेन्ट खूब चल गया और दूसरे एरिया के लोग भी आपके रेस्टोरेन्ट पर आते हैं. ऐसे में आप दूसरे एरिया में रेस्टोरेन्ट खोलने के लिए किसी थर्ड पार्टी को फ्रेंचाईजी दे सकते हैं.

– फ्रेंचईजी शुरू करने के लिए आपको मुख्य रूप से Franchise Disclosure Document बनाना पड़ता है. इस दस्तावेज़ में आपको फ्रेंचाईजी से संबन्धित जानकारी देनी होती है. जैसे फ्रेंचाईजी कैसे चलाना है, कहाँ खोलनी है, आपका बिजनेस प्रपोज़ल क्या है आदि.

– इसके अलावा आपको फ्रेंचाईजी एग्रीमेंट बनवाना होता है जिस पर कंपनी और फ्रेंचाईजी लेने वाले व्यक्ति के साइन होते हैं. जिससे ये साबित होता है कि फ्रेंचाईजी लेने वाला व्यक्ति कंपनी द्वारा बताई गई शर्तों से सहमत है.

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फ्रेंचाईजी आपके बिजनेस को बढ़ाने के लिए काफी अच्छा विकल्प है. ये आपके बिजनेस को काफी आगे लेकर जा सकता है और पूरे देश मे फैला सकता है. फ्रेंचाईजी देने में आपका पैसा नहीं लगेगा, आपके प्रॉडक्ट सेल होंगे और हर एंगल से आपका ही फायदा होगा. 

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