Anganwadi को भारत सरकार ने 1985 में एकीकृत बाल विकास सेवा के अंतर्गत शुरू किया था जिसका मकसद था बच्चों को भूख और कुपोषण का शिकार होने से रोकना.

आंगनवाड़ी में आप एक महिला को जरूर देखते होंगे. उन्हें आप आंगनवाड़ी वाली दीदी कहकर बुलाते हैं. असल में वही आंगनवाड़ी की कार्यकर्ता होती हैं. उन्हें अपनी आंगनवाड़ी के काम का संचालन करना होता है. उनकी मदद के लिए एक सहायिका भी नियुक्त की जाती है

आंगनवाड़ी में आप एक महिला को जरूर देखते होंगे. उन्हें आप आंगनवाड़ी वाली दीदी कहकर बुलाते हैं. असल में वही आंगनवाड़ी की कार्यकर्ता होती हैं. उन्हें अपनी आंगनवाड़ी के काम का संचालन करना होता है. उनकी मदद के लिए एक सहायिका भी नियुक्त की जाती है

आंगनवाड़ी में छोटे बच्चों को खेल-कूद की Activity कराई जाती है जिससे उनका शारीरिक विकास हो सके.

आंगनवाड़ी में 6 साल से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण का काम किया जाता है.

किसी गर्भवती महिला या शिशु को कोई गंभीर खतरा दिखता है तो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उसे पास के अस्पताल या सामुदायिक चिकित्सा केंद्र भेजती हैं.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए महिला की उम्र कम से कम 21 साल होनी चाहिए वहीं अधिकतम उम्र 45 साल तक हो सकती है. अगर आप एससी या एसटी से आते हैं तो आपको उम्र में छूट भी दी जाती है. SC, ST को ये छूट 5 वर्षों की मिलती है और OBC वालों को 3 साल की छूट मिलती है.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए  महिला का विवाहित होना बेहद जरूरी है.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए  महिला का विवाहित होना बेहद जरूरी है.

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के चयन के लिए 25 अंक तय किए गए हैं. इन 25 अंक को अलग-अलग योग्यताओं के आधार पर दिया जाता है. इन 25 अंक में से 7 अंक राज्य सरकार की ओर से निर्धारित होते हैं. 

अगरआप आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बन जाते हैं तो आपके मन में ये सवाल आता है कि आपको वेतन के रूप में कितने पैसे मिलेंगे. तो सामान्य तौर पर एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 8 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन दिया जाता है वहीं एक सहायिका को 4 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है.