आज से कुछ सालों पहले जब हम रेडियों सुना करते थे, तो हम यही सोचा करते थे कि, क्या अब रेडियों का भी कोई विकल्प आएगा. देखते-देखते Radio का स्थान टीवी ने ले लिया और अब हालत ये है कि, टीवी हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया. समय के साथ TV पर विभीन्न प्रकार के चैनलों की शुरुआत हो गई है.
इन विभिन्न प्रकार के Channels पर कई तरह के सीरियलों का प्रसारण होने लगा. आज के समय में टीवी पर आने वाले सीरियलों की संख्या 100 से अधिक हैं. समय के साथ सीरियलों की संख्या में भी तेजी से बढोतरी होती जा रही हैं. अधिक Serials की संख्या ने इनमे आपसी प्रतिस्पर्धा शुरू कर दी हैं.
यही प्रतिस्पर्धा ने टीआरपी को जन्म दिया है. अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर टीआरपी होती क्या है? और इसका किसी TV Channel को क्या फायदा होता हैं? आइये सबसे पहले जानते है कि, आखिर टीआरपी क्या होती हैं?
टीआरपी यानि टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (Television Rating Point), जिसके द्वारा यह पता लगाया जाता है कि, किस सीरियल को कितना अधिक देखा जा रहा हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे पता लगाया जाता है कि, कौन सा टीवी सीरियल अधिक देखा जा रहा हैं? क्या टेलीविजन की रेटिंग का पता लगाने के लिए किसी प्रकार का कोई सर्वे होता हैं? तो आपको बता दे कि, इस तरह का कोई सर्वे नहीं होता, बल्कि हमारे टीवी के माध्यम से ही इस बात का पता लगाया जाता हैं. दरअसल एक विशेष प्रकार के डिवाइस (Device) की मदद से TRP की जानकारी प्राप्त की जाती हैं.
टीआरपी का पता लगाने के लिए डिवाइस को एक चुनिंदा स्थान पर लगाया जाता है. जहां से ये डिवाइस हमारे टीवी से कनेक्ट हो जाता हैं. हालांकि टीवी से कनेक्ट करने से इन डिवाइसों के परिणाम सटीक नहीं मिलते, इसी के चलते इन डिवाइसों को टीवी की अपेक्षा Set Top Box से कनेक्ट किया जाता हैं.
टीआरपी का पता लगाने के लिए उपयोग किये जाने वाले डिवाइस को People मीटर कहा जाता हैं. इस तरह के डिवाइस को खासकर शहरों और महानगरों में ही उपयोग किया जाता हैं. आइए अब जानते है कि, आखिर टीआरपी की जानकारी किस तरह से मिलती हैं.
हमने आपको टीआरपी के विषय में तो बता दिया, लेकिन अब हम जानते है कि, किस तरह किसी टीवी सीरियल की टीआरपी का पता लगाया जाता हैं. जैसा की हमने आपको बताया कि टीआरपी का पता लगाने के लिए किसी शहर के किसी एरिये में People मीटर डिवाइस लगाया जाता हैं.
यह डिवाइस उस एरिये में मौजूद सभी Set Top Box के साथ कनेक्ट हो जाता हैं. जिसके बाद यह डिवाइस टीआरपी की मॉनिटरिंग कर रही टीम को कनेक्ट किये गए सभी सेट टॉप बॉक्स की जानकारी भेजता हैं. जहां मॉनिटरिंग टीम यह डाटा एकत्रित करती है कि, आखिर किस चैनल के किस सीरियल को ज्यादा देखा जा रहा हैं. इसी के हिसाब से यह पता लगता है कि किस चैनल और किस शो की TRP TOP पर हैं.
ये तो हुई TRP की बात, लेकिन TRP से किसी चैनल को मिलने वाले विज्ञापन (Advertisement) में क्या संबंध होता हैं? क्या चैनल या सीरियल को उनके नाम के कारण विज्ञापन मिलते है, या फिर इसके पीछे भी टीआरपी की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं. आइये जानते है टीआरपी और विज्ञापन का संबंध.
आपने TRP के विषय में तो जान लिया, लेकिन अब बारी है यह जानने की कि आखिर किसी शो या चैनल की कमाई का जरिया क्या होता हैं. तो आपको बता दे कि किसी चैनल की इनकम का मुख्य आधार उसको मिलने वाले विज्ञापन होते हैं.
लेकिन सोचने वाली बात है कि आखिर किसी चैनल के किसी शो को विज्ञापन किस तरह से मिलते हैं? क्या इसके पीछे भी कोई Algorithm हैं. तो आपको बता दे कि, किसी शो या चैनल को मिलने वाले Advertisements के पीछे टीआरपी की अहम भूमिका होती हैं. किसी शो को विज्ञापन टीआरपी की वजह से ही मिलते हैं.
जिस शो की जितनी अधिक टीआरपी होती हैं, उसे उतने बड़े और अधिक विज्ञापन मिलते हैं. मिली जानकारी के अनुसार चैनल और शो, अपनी लागत का लगभग 75 से 80% हिस्सा विज्ञापनों के माध्यम से ही कमाते हैं. ये तो हो गई विज्ञापन से टीआरपी के संबंध की बात, अब जानते है कि, किस प्रकार एक शो को विज्ञापन मिलते हैं.
जैसा की हमने आपको बताया कि, किसी चैनल या शो को विज्ञापन मिलने में उसकी टीआरपी अहम भूमिका निभाती हैं. लेकिन यह कैसे होता हैं, उसके विषय में हम आपको जानकारी देंगे. दरअसल जब TRP की मॉनिटरिंग करने वाली टीम किसी शो या चैनल की TRP TOP पर होने की रिपोर्ट जारी करती है, वैसे ही बड़ी कम्पनियों में उस शो या चैनल के साथ विज्ञापन करने की होड़ लग जाती हैं.
उदहारण के लिए जैसे कलर्स चैनल के Show Big Boss की टीआरपी इन दिनों टॉप पर है, तो इस समय हर बड़ी विज्ञापन कम्पनी शो के इंटरवल में अपने विज्ञापन के लिए चैनल से संपर्क करती हैं. जिसके बाद दोनों के मध्य एक डील होती है और Advertising Show के Interval में दिखाया जाता हैं.
इस पूरी प्रक्रिया में विज्ञापन कम्पनी (Advertising company) और चैनल दोनों को ही फायदा होता हैं. जहां Channel अपने शो के टॉप पर होने के चलते मनचाही कीमत विज्ञापन कंपनी से लेते हैं, जिससे चैनल और शो की अच्छी खासी कमाई हो जाती हैं. वहीं Advertising Company का एड भी ऐसे शो के साथ में आ जाता है, जो कि टीआरपी में टॉप पर हैं. यानी की उस शो को ज्यादा से ज्यादा लोग देख रहे हैं. इस तरह से टीआरपी और विज्ञापन का रिश्ता चलता रहता हैं.
उम्मीद है कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा. साथ ही में आप इस बात को भी अच्छी तरह समझ गए होंगे कि, किसी चैनल या शो के लिए TRP में टॉप पर होना कितना जरुरी हैं.
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यदि Show TRP में लगातार टॉप पर रहता है, तो वह काफी लम्बे समय तक चलता हैं. लेकिन अगर शो की टीआरपी लगातार खराब होती है तो उस शो के बंद होने के चांस भी काफी बढ़ जाते हैं.