ऑनलाइन मार्केट (Online Market) हो या लोकल मार्केट (Local Market) आप कहीं भी जाएंगे आपको कई Product No Cost EMI पर आसानी से मिल जाते हैं. EMI (Equated Monthly Installment) पर खरीदने के लिए बस आपका सिबिल स्कोर (Cibil Score) अच्छा होना चाहिए और आपके पास Regular income होना चाहिए. पिछले कई सालों से No Cost EMI का नाम भी सुनने को मिल रहा है और लोग इस कान्सैप्ट को काफी पसंद भी करते हैं. कई लोग इसे इसके नाम के अनुरूप ही समझ कर इसके जरिये ख़रीदारी कर लेते हैं और उन्हें पता नहीं रहता की जो सामन उन्होने खरीदा है वो वाकई में No Cost EMI था या नहीं.
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What Is a No Cost EMI Hindi – नो कोस्ट ईएमआई क्या है
No Cost EMI का मतलब होता है (What is Meaning of No Cost EMI?) ऐसी EMI जिस पर कोई लागत या अन्य खर्च न लगे (EMI Facility at Zero Processing Fees and Zero Interest). No Cost EMI से पहले हम ये जान लें की EMI क्या होती है. EMI का पूरा नाम है Equated Monthly Installment. ईएमआई को हम लोग किश्त या (Installment) बोलते हैं जो ब्याज के साथ होती है. यानी आपने कोई सामान खरीदा जो 6 हजार रुपये का था तो आपकी 6 महीने की बराबर Installment 1000+ब्याज (Interest) होगी.
अब No Cost EMI में भी किस्त ही होती है जो आपको हर महीने भरना होती है. हमें बताया ये जाता है की जो नो कोस्ट ईएमआई होती है उस पर हमें Interest के पैसे नहीं देना होते हैं और कई बार हमें Down Payment देने की भी जरूरत नहीं पड़ती है. सुनने में ये काफी अच्छा लगता है की No CostEMI है, हमें कोई ब्याज भी नहीं देना है. तब तो हमें सामान बहुत सस्ते में मिल जाएगा. लेकिन आप खुद सोचिए की आज तक कुछ ऐसा हुआ है कि कोई व्यक्ति अपना खुद का नुकसान करवाकर आपका फायदा करा दे.
Benefits of No Cost EMI – नो कोस्ट ईएमआई के फायदे
No Cost EMI में आपको कई फायदे हो सकते हैं.
– आपको Interest देने की जरूरत नहीं.
– आपके Down Payment देने की जरूरत नहीं. (कुछ स्थितियों में डाउनपेमेंट लग भी सकता है.)
– Product की ख़रीदारी आसान हो जाती है.
– एक दम से ढेर सारा पैसा नहीं देना पड़ता.
Loss from No Cost EMI – नो कोस्ट ईएमआई से नुकसान
No Cost EMI से आपको कई नुकसान भी होते हैं.
– No Cost EMI की वजह से व्यक्ति बेवजह खर्च करने लगता है.
– जिन प्रॉडक्ट कि जरूरत नहीं होती उन्हें भी No Cost EMI के लालच में खरीद लेता है.
– कभी-कभी ये भी हो सकता है कि आप जिस प्रॉडक्ट को खरीदना चाह रहे हैं वो नो कोस्ट ईएमआई पर न मिले.
Is No Cost EMI Beneficial? क्या नो कोस्ट ईएमआई फायदेमंद है?
अगर आपके पास पैसों की कमी है आप एक दम से कोई ज्यादा कीमत की वस्तु नहीं खरीद सकते और वो आपको No Cost EMI पर मिल रही है तो उसे लेने में कोई बुराई नहीं है. आप उसे ले सकते हैं वो आपके लिए फायदेमंद ही रहेगी. लेकिन अगर आप उसे नगद में ले सकते हैं तब भी आप नो कोस्ट ईएमआई के जरिये ले रहे हैं तो आपको नुकसान होगा क्योंकि आपको नगद के मुक़ाबले इसकी कीमत ज्यादा ही लगेगी.
Is No Cost EMI Beneficial For Customers? नो कोस्ट ईएमआई क्या कस्टमर के लिए फायदेमंद है?
No Cost EMI Customer के लिए बनाई जरूर गई है लेकिन इसमें उनका फ़ेयड पूर्ण रूप से नहीं है क्योंकि उन्हें जो Concept दिखाया जाता है वैसा होता नहीं है. नो कोस्ट ईएमआई कुछ ही चीजों को बेचा जाता है. ऐसा जरूरी नहीं कि आप जिस प्रॉडक्ट को खरीदने के बारे में सोच रहे हैं वो आपको नो कोस्ट ईएमआई पर मिले. अब जिन लोगों के पास बजट की दिक्कत होती है उन्हें मजबूरी में No Cost EMI में वही चीज खरीदनी होती है जिसे सामने वाला बेचना चाहता है. ऐसे में जो वित्तीय लोग हैं उनके द्वारा आपको एक तरह का Loan दिया जाता है और Product बनाने वाली कंपनी की सेल बढ़ जाती है. कुल मिलाकर फायदा उन दोनों पक्षों को होता है.
अब कई लोग ये सोचते हैं की No Cost EMI में कोई Interest नहीं लगता. और ब्याज लगता नहीं तो ये कंपनियाँ कमाती कैसे है. तो इसे जानने के लिए आपको लोकल मार्केट में थोड़ी रिसर्च करनी पड़ेगी. मान लीजिये की आपको कोई Smartphone खरीदना है वो भी बिना Down Payment के No Cost EMI पर.
उदाहरण के लिए मान लीजिये आपको Redmi Note 9 Pro Max ही खरीदना है. आप मार्केट में जाएंगे तो हो सकता है की ये फोन आपको No Cost EMI पर मिले ही न और अगर मिलेगा तो आपको इस पर डाउनपेमेंट देना पड़ेगा.
आप इस फोन के दोनों प्राइज को देखें. पहले आप नगद के बारे में पूछे और फिर नो कोस्ट ईएमआई के साथ इसके प्राइज़ को देखें. आपको अपने आप अंतर पता लग जाएगा की दोनों के बीच में कितने रुपयों का अंतर आ रहा है. आमतौर पर नो कोस्ट ईएमआई में भी एक Smartphone की Price 1000 से 3000 हजार रुपये तक बढ़ जाती है. ये जो बढ़ी हुई कीमत होती है वहीं इनकी कमाई होती है. इनके द्वारा MRP आपको बताया जाता है जो पहले से ही तय कंपनी के द्वारा किया जाता है.
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No Cost EMI का ऑप्शन आपको तभी चुनना चाहिए जब आपके पास बजट की कमी आ रही हो अन्यथा न चुने. क्योंकि किसी भी वस्तु को ब्याज पर लेने में और No Cost EMI पर लेने में थोड़ा बहुत ही अंतर है. अगर आपके पास उसे कैश में लेने का Budget है तो कैश में ही ले इससे आपके पैसे की बचत होगी और आप अपनी मर्जी का सामान खरीद पाएंगे. No Cost EMI में ये संभावना है की आप किसी दूसरे प्रॉडक्ट की ख़रीदारी No Cost EMI के चक्कर में कर लें.