हमारे भारत में रोज़ किसी न किसी चीज़ को लेकर एक नया कानून बनाया जाता है कभी लडकियों के लिए तो कभी महिलओं की सुरक्षा के लिए तो कभी नाबालिक बच्चो के लिए| लेकिन हमारे भारत में आयेदिन बच्चों की गुमशुदगी मां-बाप के साथ साथ प्रशासन के लिए भी हमेशा से एक बड़ी समस्या बनी रहती है| हर दिन सैकड़ों लोग अपने बच्चे या किसी परिचित की गुमशुदगी कि रिपोर्ट लिखाने पुलिस थाने पहुंचते हैं| और देखा जीता है की आये दिन किसी न किसी बच्चे की खोने की रिपोर्ट हमें अखबारों में टीवी चैनल्स पर मिलती रहती है और सरकार भी इस कदम में कुछ नही कर पा रही है|
अगर देखा जाये तो गुमशुदा बच्चों को उनके मां-बाप से मिलवाने के लिए सरकारें पहले भी कई कदम उठा चुकी हैं लेकिन उनका कोई भी कदम इन घटनाओ को रोक नही पा रहा है और आये दिन कोई न कोई माँ बाप अपने कलेजे के टुकड़े से अलग हो जाता है और कोई कुछ ही कर पता| इन मामलों में कुछ बच्चे तो समय रहते वापस अपने घर आ जाते हैं, मगर कुछ ऐसे भी रहते हैं जो जीवन भर शहरों में इधर उधर के धक्के खाने के लिए मजबूर हो जाते हैं| छोटे बच्चों के अपहरण की खबरें आए दिन सामने आटी रहती है। कोई भी उन्हें चॉकलेट या खिलौनो का बहाना देकर बहला फुसलाकर अपने साथ ले जाते है। ऐसे में कई बच्चों का कुछ पता भी नहीं चल पाता की वो कहा चले गये।
इसलिए बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने एक ऐसी एप लॉन्च किया है जो देश में खोए बच्चों का पता लगाने में मदद करेगी। इस मोबाइल एप का नाम है ‘Reunite Mobile App ’। आप को बता दे की इस एप को बीते शुक्रवार को लांच किया गया है। यह एप खोए हुए बच्चों को उनके मां-बाप से फिर से मिलाने के लिए काम करेगा। और अब कोई भी बच्चा अपने माँ बाप से अलग नही होगा और ऐसे लोगो के मनसूबे अब कभी कामयाब नही होंगे|
Mobile App लांचिंग के मौके पर मौजूद सुरेश प्रभु ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि कई बच्चे गलत मंसूबा रखने वाले लोगों की साजिश का शिकार हो जाते हैं और अपने मां-बाप से अलग हो जाते हैं और उसके बाद लाख कोशिश के बाद भी ये बच्चे अपने माँ बाप से नही मिल पाते| फिर बाद में यही लोग इनका इस्तेमाल अपराधिक घटनाओं या भीख मंगवाने के लिए करने लगते हैं जिससे उनको तो फायेदा होता है और उन बच्चो का भविष्य पूरी तरह से बर्बाद हो जाता है| और ये लोग उन बच्चो को किसी लायक का नही छोड़ते हैं| प्रभु ने लांच के अवसर पर इस Mobile App को विकसित करने वाले स्वयंसेवी संगठन ‘ बचपन बचाओ आंदोलन ’ और ‘ कैपजेमिनी ’ की सराहना की। उन्होंने कहा कि खोए हुए बच्चों को उनके माता-पिता से मिलाने का यह प्रयास, तकनीक के सुंदर उपयोग को दर्शाता है। यह Mobile App जीवन से जुड़ी सामाजिक चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा।
इस Mobile App के माध्यम से हर माता-पिता बच्चों की तस्वीरें, बच्चों के विवरण जैसे नाम, पता, जन्म या कोई भी चिह्न आदि अपलोड कर सकते हैं,और इसके बाद पुलिस थाने को रिपोर्ट कर सकते हैं तथा खोए बच्चों की पहचान भी कर सकते हैं। जानकरी के लिए बता दे इस Mobile App में खोए हुए बच्चों की पहचान करने के लिए इमेज रिकोगनिशन, वेब आधारित फेशियल रिकॉगनिशन जैसी सेवाओं का उपयोग किया जा रहा है। यह एप एंड्राएड और आईओएस दोनों ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध है।
इस तरह करें Mobile App का इस्तेमाल
श्री कैलाश सत्यार्थी ने Mobile App के इस्तेमाल पर बताया कि अगर कोई भी व्यक्ति किसी बच्चे को लावारिस या भीख मांगता देखें तो Mobile App के जरिये उसके चेहरे को रीड करें,जिसके बाद आपको कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
क्योंकी ये Mobile App ऑटोमेटिक ही सरकारी सिस्टम पर मौजूद बच्चों की गुमशुदगी के डाटा से बच्चे की पहचान को मैच करेगा.
उन्होंने बताया कि अगर उस बच्चे का फोटो रिकार्ड में है तो Mobile App बच्चे की लोकेशन और पहचान की जानकारी खुद ही पुलिस और संस्था के सिस्टम पर भेज देगा. फिर इसके बाद पुलिस द्वारा बच्चे की तलाश कर उसे उसके माता पिता से मिलवा दिया जाएगा.
गौरतलब है कि इससे पहले भी सरकार ने गुमशुदा बच्चों को उनके मां-बाप से मिलवाने के लिए कई कदम उठाती रहीं है,लेकिन इनमे से जमीनी स्तर पर वो आज तक सफल नहीं हो पाया.खैर अब तक जो भी हुआ हो हम नहीं चाहते की अब आगे भी वैसा की हो इसीलिए हमारी ये आशा रहेगी इस Reunite Mobile App Mobile App की मदद से हजारों बच्चों को दोबारा उनके मां-बाप से मिलने में मदद मिल सके
The app is available for both Android and iOS. Apple – Google Play Store
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