बड़ी कंपनियों में कर्मचारियों को घूमने के लिए अवकाश यात्रा भत्ता यानी LTA देती है. यदि आपको भी आपकी कंपनी कुछ अंतराल के बाद LTA देती है तो आपको इस पर टैक्स से जुड़े नियम जान लेने चाहिए. क्योंकि भारत में आपको LTA पर भी टैक्स देना होता है और आप इस टैक्स को बचा भी सकते हैं.
अवकाश यात्रा भत्ता यानी Leave Travel Allowance को LTA कहा जाता है. काफी सारे लोग LTA kya hai? इस बारे में नहीं जानते हैं और न ही LTA Tax Rules को समझते हैं. इस वजह से हर साल उन्हें अधिक इनकम टैक्स रिटर्न भारत सरकार को देना होता है. अगर आप LTA पर टैक्स छूट पाना चाहते हैं तो उसकी सारी जानकारी आपको यहाँ मिलेगी.
Contents
LTA क्या होता है? What is LTA?
LTA का पूरा नाम Leave Travel Allowance है जिसे हिन्दी में अवकाश यात्रा भत्ता कहा जाता है. बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को LTA दिया जाता है. ये आपकी सैलरी का ही एक भाग होता है. मतलब ये आपकी ही कमाई है.
LTA में कंपनियां आपको घूमने के लिए पैसा देती हैं. यानी एक या दो साल में यदि आप किसी यात्रा पर घूमने जाना चाहते हैं तो कंपनियों के जरिए LTA दिया जाता है. आपकी यात्रा का खर्च कंपनी देती है साथ ही आपकी कोई छुट्टी भी नहीं कटती है.
LTA का सीधा सा मतलब है कि कुछ सालों में घूमने के लिए दिया जाने वाला भत्ता है जो कंपनी के द्वारा दिया जाता है. आमतौर पर हर कंपनी के द्वारा इस भत्ते को नहीं दिया जाता है लेकिन बड़ी-बड़ी कंपनियां इसे ऑफर करती है. इसे पाने के लिए आपको यात्रा खर्चे के बिल को कंपनी में सबमिट करना होता है. बिना इसके आपको कोई भत्ता नहीं मिल पाता है.
वैसे कंपनियां अपने हर कर्मचारी को LTA नहीं देती है बल्कि कुछ विशेष कर्मचारियों को ही LTA दिया जाता है. जब आप कंपनी में जॉइन होते हैं तो कंपनी के सैलरी पैकेज में इसका जिक्र होता है. आप उसी के आधार पर LTA कंपनी से ले सकते हैं.
LTA पर टैक्स के नियम Tax Rules on LTA
LTA आपकी आमदनी का ही हिस्सा होता है इसलिए इसे टैक्स के दायरे में रखा गया है लेकिन आप इस पर इनकम टैक्स के सेक्शन 10 (5) के आधार पर छूट भी पा सकते हैं.
LTA पर टैक्स छूट आपको उस पूरी रकम पर मिल सकता है जो कंपनी ने आपको LTA के रूप में दिया है. लेकिन आपको उतनी राशि अपनी यात्रा पर खर्च करना जरूरी है. यदि आप कम राशि को अपनी यात्रा पर खर्च करते हैं तो बाकी की राशि को आपकी आमदनी में जोड़कर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार उस पर टैक्स लिया जाता है.
मतलब आपकी कंपनी आपको जो LTA की राशि दे रही है यदि आप उसे पूरा खर्च कर देते हैं तो आपसे कोई टैक्स उस राशि पर नहीं लिया जाएगा. लेकिन यदि आपसे उतनी राशि यात्रा के दौरान खर्च नहीं होती है और उसमें से कुछ रकम बच जाती है तो उसे आपकी आमदनी में जोड़कर उस पर सरकार द्वारा टैक्स लिया जाता है.
एक स्थिति यह भी हो सकती है कि आप अपनी यात्रा के दौरान LTA से ज्यादा खर्च कर दें. तो ऐसी स्थिति में जो अधिक खर्च हुआ है उस पर भी आपको टैक्स छूट नहीं मिलेगी. यदि आपको LTA का भुगतान कंपनी के द्वारा किया जा रहा है तो कोशिश करें कि जो राशि कंपनी द्वारा दी जा रही है उस राशि से थोड़ी अधिक राशि के बिल कंपनी में जमा करें, जिससे आपको पूरे LTA पर टैक्स छूट का लाभ मिल सके.
मान लेते हैं कि आपकी कंपनी LTA के रूप में हर वर्ष आपको 50 हजार रुपये देती है. आप इस राशि के साथ जम्मू की यात्रा पर निकल गए. पूरी यात्रा के दौरान आपने यदि 50 हजार या उससे ज्यादा रुपये खर्च कर दिए और उनके बिल आपके पास हैं तो आपको 50 हजार की रकम पर पूरी तरह टैक्स छूट मिल जाएगी.
वहीं दूसरी ओर यदि आपने 45 हजार रुपये खर्च किए तो बची हुई रकम यानी 5 हजार रुपये को आपकी आमदनी के साथ जोड़कर उस पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार आपसे टैक्स लिया जाएगा.
LTA में कौन से खर्च शामिल किए जाते हैं? What are the expenses covered in LTA?
LTA का फायदा आप उठा तो सकते हैं लेकिन इसमें कुछ प्रमुख खर्चों को ही शामिल किया जाता है. इसमें प्रमुख तौर पर परिवहन खर्च को ही शामिल किया जाता है. जैसे रेल यात्रा खर्च, हवाई यात्रा खर्च या बस का खर्च. इसमें भी कुछ नियम शामिल हैं.
यदि आप हवाई यात्रा कर रहे हैं तो Air India के Economy Class के किराये तक की रकम का इस्तेमाल LTA टैक्स छूट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
वहीं दूसरी ओर यदि आप रेलयात्रा कर रहे हैं तो संबंधित रूट पर AC First Class के किराये तक की रकम को LTA टैक्स छूट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
यात्रा के दौरान आप मान्यता प्राप्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे राज्य परिवहन सेवा आदि के किराये को टैक्स छूट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं बस के टिकट भी टैक्स छूट के लिए मान्य होते हैं. लेकिन प्राइवेट कार या कैब के खर्च को LTA टैक्स छूट में शामिल नहीं किया जाता है.
दूसरी ओर LTA टैक्स छूट में देश के भीतर की यात्राएं मान्य होती है. विदेश यात्राओं का खर्च इसमें शामिल नहीं किया जात है. इसमें भी सिर्फ आप अपने परिवार में से पत्नी, पति और दो बच्चों को ले जा सकते हैं.
LTA टैक्स छूट पाने के लिए आपका छुट्टी पर होना बेहद जरूरी है और स्वयं यात्रा करना भी बेहद जरूरी है. यदि ये दोनों शर्ते पूरी नहीं होती है तो LTA टैक्स छूट मान्य नहीं होती है.
LTA टैक्स छूट को आप चार साल में दो बार ले सकते हैं. यदि आप निर्धारित टाइम ब्लॉक में टैक्स छूट का लाभ नहीं ले पाए हैं तो बाद वाली अवकाश यात्रा में अगले ब्लॉक की छूट का फायदा ले सकते हैं.
LTA कैसे मिलता है? How to get LTA?
कंपनी आपको अपनी ओर से LTA तो देती है लेकिन वो तब देती है जब आप स्वयं यात्रा कर रहे हो. इसके अलावा आपके पास सभी खर्चों के बिल हो. जैसे परिवहन खर्च, होटल का खर्च आदि. इन सभी के बिल आपको कंपनी में सबमिट करने होते हैं तब आपको LTA मिलता है. आप यात्रा के दौरान यदि कोई खरीदारी करते हैं तो उसे आप LTA में शामिल नहीं कर सकते हैं.
Salary Account क्या होता है, Salary Account के क्या फायदे हैं?
SBI Cash Withdrawal Limit कितनी है एक दिन में बैंक से कितना पैसा निकाल सकते हैं?
कंपनियों में Front Office और Back Office क्या है, दोनों में क्या अंतर है?