भारत में स्टील बिजनेस की बात करें तो इसमें एक नाम सबसे ज्यादा पॉपुलर है और वो ‘जिंदल ग्रुप’ (Jindal Group) है. जिंदल ग्रुप भारत में काफी पुराने समय से स्थापित हैं. आज के समय में जिंदल ग्रुप दुनिया के कई देशों को अपनी सेवा दे रहा है. जिंदल ग्रुप के बारे में काफी सारी बाते लोग नहीं जानते हैं. इस लेख में हम आपको जिंदल ग्रुप कैसे शुरू हुआ? जिंदल ग्रुप के मालिक कौन है? (Owner of Jindal Group) नवीन जिंदल की क्या कहानी है? (Naveen Jindal Life Story) ऐसी कई बातों के बारे में बताने वाले हैं.
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जिंदल ग्रुप का इतिहास (History of Jindal group in Hindi)
जिंदल ग्रुप सिर्फ स्टील का ही बिजनेस नहीं करता है बल्कि इसकी कई और बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भी हैं. जिन्हें जिंदल परिवार के बेटे चलाते हैं. जिंदल परिवार आज देश का एक बड़ा परिवार है. जिंदल परिवार काफी पहले से बिजनेस करता आ रहा है. लेकिन जिंदल ग्रुप का असली नाम ओमप्रकाश जिंदल और नवीन जिंदल ने किया.
ओम प्रकाश जिंदल जीवनी (Om Prakash Jindal Jivani)
जिंदल ग्रुप का जो वर्तमान स्ट्रक्चर आप देखते हैं उसकी नीव रखने वाले ओम प्रकाश जिंदल ही हैं. (Founder of Jindal Group) ओम प्रकाश जिंदल एक बिजनेसमेन होने के साथ-साथ देश के प्रमुख राजनेता भी रह चुके हैं. हरियाणा सरकार में इनहोने चुनाव लड़ा और इन्हें ऊर्जा मंत्री (Power minister of Haryana) का पद भी दिया गया.
जिंदल ग्रुप की नीव रखने वाले ओम प्रकाश जिंदल का जन्म 7 अगस्त 1930 को हुआ था. इनहोने जिंदल ऑर्गनाइज़ेशन के अंतर्गत जिंदल स्टील एंड पावर की स्थापना की थी. बिजनेस के क्षेत्र में इनके अथक प्रयासों के लिए बंगाल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा इन्हें Life Time Achievement Award से सम्मानित किया गया था.
इतना ही नहीं फोर्ब्स की लिस्ट में भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में ये 13वे स्थान पर थे, वहीं दुनियाभर के अमीरों की लिस्ट में ये 548 वे स्थान पर थे.
ओमप्रकाश जिंदल ने हरियाणा के हिसार से लगातार तीन बार विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. हरियाणा सरकार में उन्हें ऊर्जा मंत्री बनाया गया था. साल 2005 में जब वे हरियाणा सरकार की विधानसभा सीट पर जीते थे उसी साल उनकी मृत्यु हो गई थी.
नवीन जिंदल की जीवनी (Naveen Jindal Biography in Hindi)
नवीन जिंदल भारत में आज एक फेमस नाम है. ये ओमप्रकाश जिंदल के बेटे हैं और वर्तमान में ये जिंदल ग्रुप की कुछ कंपनियों के चेयरमेन हैं. नवीन जिंदल भी अपने पिता की तरह ही राजनीति में आ चुके हैं साथ ही वे एक बढ़िया बिजनेसमेन भी हैं.
नवीन जिंदल का जन्म 9 मार्च 1970 (Naveen Jindal Birth) को हरियाणा के हिसार में हुआ था. नवीन ने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद वे MBA करने के लिए Dallas के University of Texas में चले गए.
नवीन जिंदल ने वहाँ से लौटकर अपने पिता के कामकाज में मदद की. उनकी मृत्यु के बाद नवीन जिंदल ने पिता के कारोबार को संभाला. नवीन वर्तमान में Jindal Steel and Power Limited के चेयरमेन हैं.
राजनीति में नवीन जिंदल (Naveen Jindal Career in Politics)
अपने पिता की तरह ही नवीन की रुचि भी राजनीति में रही है. वे अपने विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में रुचि लेते रहे हैं. उन्होने टेक्सास यूनिवर्सिटी में Student Leader of the year award जीता था.
साल 2004 में नवीन जिंदल को लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला. उन्हें कॉंग्रेस के ओर से हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट पर चुनाव लड़ने का अवसर दिया गया. इस चुनाव में उन्होने जीत भी दर्ज के. इसके बाद साल 2009 में चुनाव हुए जिसमें भी उन्हें जीत ही मिली. राजनीति में रहते हुए उन्होने भ्रष्टाचार, जनसंख्या विस्फोट, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, स्वस्थ और शिक्षा की ओर ध्यान दिया.
नवीन जिंदल तिरंगा विवाद (Naveen Jindal Indian Flag Controversy)
नवीन जिंदल का नाम तिरंगा विवाद को लेकर भी जाना जाता है. आज के समय में आप खुद तिरंगा फहरा सकते हैं, अपनी बाइक पर लगा सकते हैं, अपने ऑफिस में लगा सकते हैं, आपकी कार में लगा सकते हैं, अपने कपड़े पर चिपका सकते हैं. लेकिन कुछ सालों पहले तक ऐसा नहीं था. आज आपको तिरंगा लगाने की आजादी नवीन जिंदल के प्रयासों से ही मिली है.
नवीन जिंदल जब अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहे थे. तब उन्होने देखा कि अमेरिकी अपने घर और ऑफिस कहीं भी झण्डा लगा सकते हैं. उनकी ये बात उन्हें देशप्रेम से जोड़ती है. नवीन ने सोचा कि वे भारत में भी इसी तरह देशप्रेम की भावना का संचार करेंगे.
जब वे भारत आए तो उन्होने नियमित रूप से अपनी राजगढ़ वाली फैक्ट्री में ध्वजारोहण करना चाहा. लेकिन बिलासपुर के तत्कालीन संभागआयुक्त ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. उसी समय जिंदल ने ये ठानी कि वे देश को इस नियम से आजादी दिलाकर रहेंगे.
साल 1995 में नवीन जिंदल इस मुद्दे पर दिल्ली कोर्ट गए. वहाँ केस चलता रहा और 9 साल बीत गए. 23 जनवरी 2004 को जब दिल्ली कोर्ट ने फैसला सुनाया तो वो नवीन जिंदल और उन समस्त देशवासियों के हित में था जो झण्डा लहराना चाहते थे. आज आप नवीन जिंदल के प्रयासों के चलते ही अपने घर-ऑफिस और अन्य जगह पर झण्डा लगा पाते हैं.
नवीन जिंदल को मिले सम्मान (Award for Naveen Jindal)
नवीन जिंदल के नाम पर कई अवार्ड और सम्मान हैं.
1) दिसंबर 2011 में नवीन जिंदल को पीएन भगवती अवार्ड से नवाजा गया था. जिसे उन्हें देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम ने दिया था.
2) साल 2011 में ही University of Texas ने अपने School Of Management का नाम बदलकर नवीन जिंदल के नाम पर रखा था.
3) साल 2010 में उन्हें Ernst and Young Entrepreneur of the year Award से नवाजा गया था.
4) साल 2007 में नवीन जिंदल ने सिंगापुर ओपन शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था.
5) साल 2004 में South Asian Federation Games में इनहोने सिल्वर मेडल जीता था.
नवीन जिंदल एक बिजनेसमेन होने के साथ-साथ एक बेहतरीन राजनेता, एक निशानेबाज और एक अच्छे व्यक्ति हैं. उन्होने लोगों के भले के लिए कई कार्य किए हैं. उन्होने देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपने पिता के नाम पर ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी की स्थापना की. इसके अलावा उन्होने भारतीय नागरिकों को ध्वज फहराने का अधिकार दिलाया.
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इस तरह के कई कार्य नवीन जिंदल ने अपने बिजनेस के साथ किए हैं. बिजनेस में आज उनका स्थान भले ही कहीं पर भी हो लेकिन लोगों की भलाई के लिए उन्होने जो कार्य किए हैं वे तारीफ के काबिल हैं.
Sir me aap ki tare business I want to be, will you help me?