भारत में उद्योग जगत काफी बड़ा रूप ले चुका है. लेकिन जरा सोचिए कि जब भारत में काफी कम उद्योग थे तब भारत कैसा होगा? ऐसा कौन व्यक्ति है जिसने भारत में उद्योग जगत को बढ़ावा दिया और आज इस मुकाम पर पहुंचाया. भारत में किसे उद्योग जगत का पिता (Father of Indian Industry) कहा जाता है. अगर आप इस बारे में नहीं जानते हैं तो आपको जरूर जानना चाहिए. क्योंकि इस व्यक्ति का आज के युग से बहुत खास नाता है.
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भारतीय उद्योग के जनक | Father of Indian Industry
भारत में जिस व्यक्ति का उद्योग जगत में खास योगदान है और जिन्हें भारतीय उद्योग का जनक कहा जाता है उनका नाम जमशेद जी टाटा (Jamshed Ji Tata) है. जिनका बनाया हुआ टाटा ग्रुप आज भी भारत और दुनिया के कई देशों में अपना बिजनेस कर रहा है. अन्य बिजनेसमेन सिर्फ बिजनेस करते हैं लेकिन टाटा ग्रुप लोगों के दिलों से जुड़ता है. जमशेद जी टाटा हो या रतन टाटा हो. टाटा ग्रुप का हर व्यक्ति हमारे दिलों में बसता है.
जमशेद जी टाटा जीवनी | Jamshed Tata Biography in Hindi
भारतीय उद्योग के पिता कहे जाने वाले तथा भारत में टाटा ग्रुप की स्थापना करने वाले जमशेद जी टाटा का जन्म 3 मार्च 1839 (Jamshed Tata Birth Date) को गुजरात के नवसारी में हुआ था. जमशेद जी एक पारसी परिवार से थे. इनके पिता नुसीरवानजी टाटा (Jamshed Tata Father) तथा माँ जीवनबाई टाटा (Jamshed Tata Mother) थीं. जमशेद जी स्कूल के दिनों में काफी होनहार स्टूडेंट थे. मुंबई के एल्फिंस्टन कॉलेज से इनहोने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया था. कॉलेज के दिनों में ये इतने होनहार थे कि कॉलेज के प्रिंसिपल ने कॉलेज खत्म होने पर इन्हें पूरी फीस लौटने का निर्णय लिया था.
14 साल की उम्र से बिजनेस शुरू किया | Jamshed Tata Business
जमशेद जी टाटा के खून में बिजनेस था ये कहना गलत नहीं होगा. क्योंकि उन्होने मात्र 14 साल की उम्र से ही बिजनेस की शुरुआत कर दी थी. उस समय वे पढ़ रहे थे इसलिए वे व्यापार पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाये. लेकिन जब उनका ग्रेजुएशन पूरा हुआ तो उन्होने बिजनेस पर अपना पूरा ध्यान लगाया. साल 1858 के बाद से वे बिजनेस की दुनिया में आए और अपने पिता के बिजनेस में सहयोग करने लगे.
विदेश यात्रा | Jamshed Tata Hongkong Visit
जब जमशेद जी टाटा भारत में बिजनेस कर रहे थे उस समय भारत पर अंग्रेजों का राज था. साल 1857 में जब अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह भड़का और 1857 की क्रांति हुई तो भारत में बिजनेस की रफ्तार धीमी पड़ गई. जमशेद जी के पिता ने इस समय का लाभ उठाते हुए अपने बेटे जमशेद को हाँगकाँग की यात्रा पर भेज दिया. हाँगकाँग उद्योग के मामले में आज भी काफी आगे हैं और उस समय भी काफी आगे था. उस समय बिजनेस को अच्छी तरह समझने के लिए जमशेद जी को वहाँ भेजा गया था. अपने पिता की इच्छा का जमशेद जी ने सम्मान किया और चार साल तक वहीं रहकर बिजनेस सीखा. इसके बाद वे वहाँ टाटा ग्रुप का ऑफिस खोलने की योजना बनाने लगे. साल 1863 में उन्होने हाँगकाँग में टाटा ग्रुप का ऑफिस खोला और उसी दौरान वे चीन और जापान में भी स्थापित हुए.
जमशेद जी टाटा ने अपने पिता के बिजनेस में 29 सालों तक काम किया था. वे अब बिजनेस के बारे में हर बारीकी सीख चुके थे. अब उनके मन में चाह थी कि क्यों न खुद का बिजनेस शुरू किया जाए. इसी सोच के साथ साल 1968 में उन्होने 21 हजार रुपये में एक दिवालिया तेल मिल को खरीदा. इस मिल में उन्होने कॉटन के कपड़े का काम शुरू किया. उस समय देश और विदेश में कॉटन के कपड़े की भारी डिमांड थी. इस मिल का नाम जमशेद जी ने Alexander Mill रखा था. इस मिल से इनहोने काफी मुनाफा कमाया और बाद में इसे बेच दिया गया.
Alexander mill के बाद जमशेदजी ने नागपुर में Empress Mill को शुरू किया. ये भी एक कॉटन मिल थी. इस मिल में बने कपड़ों को विदेशों तक पहचान मिली. जापान, कोरिया, चीन जैसे देशों में Empress Mill का कपड़ा निर्यात किया जाता था. भारत में भी इसकी काफी ज्यादा डिमांड थी. इस मिल में रतन टाटा ने भी काम किया है.
ताज होटल किसने बनाया | Founder of Taj Hotel
मुंबई के ताज होटल के बारे में आपने काफी सारी बाते सुनी होगी. भारत के आलीशान होटल की लिस्ट में ये होटल शामिल है. इसमें एक दिन रुकना काफी सारे लोगों के लिए सपने जैसा है. मुंबई में जब बम ब्लास्ट हुए थे तब ताज होटल पर भी हमला हुआ था. ये सारी बाते हम जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताज होटल को बनाने वाले जमशेद जी टाटा है (Taj hotel Owner). ताज होटल को बनाने के पीछे एक दिलचस्प कहानी है.
बात 1900 के दशक की है जब भारत में अंग्रेजों का राज हुआ करता था. उस समय वाटसन होटल में एक फिल्म लगी हुई थी. जमशेद जी फिल्म देखना चाहते थे लेकिन इस फिल्म को देखने का निमंत्रण सिर्फ अंग्रेजों के पास था. होटल के बाहर बोर्ड पर साफ-साफ लिखा गया था कि भारतीय अंदर नहीं आ सकते. इस बात से दुखी होकर जमशेद जी ने ऐसा होटल बनाने का निर्णय लिया जहां भारतीय लोग आ सके. उन्होने साल 1993 में एक आलीशान होटल का निर्माण कराया जिसका नाम उन्होने ताज होटल रखा. और फिर होटल के बाहर एक बोर्ड पर लिखवाया कि अंग्रेज़ अंदर नहीं आ सकते.
जमशेद जी टाटा ने भारत में टाटा स्टील को शुरू किया, उन्होने पश्चिमी घाट से बिजली बनाने की योजना पर काम किया. आज टाटा ग्रुप की काफी सारी चीजे ऐसी है जिन्हें जमशेद जी द्वारा शुरू किया गया था.
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जमशेद जी टाटा ने ऐसे समय में भारत में बिजनेस को शुरू किया था जब देश गुलामी की जंजीरो में जकड़ा था. जमशेद जी अपने देश के प्रति वफादार थे. साथ ही अपने कर्मचारियों के हित में भी उन्होने काफी कुछ किया है. उन्होने अपने कर्मचारियों को कई तरह की सुविधाएं दी है जैसे पेंशन, एक्सीडेंट मुआवजा, मेडिकल सुविधा आदि.
जमशेद जी अपने कर्मचारियों को अपना परिवार समझते थे. यही बात टाटा परिवार में आज भी देखने को मिलती है. आपत्ति के समय टाटा ग्रुप अपने कर्मचारियों कि हर संभव मदद करता है. जमशेद जी टाटा ने भारत में उद्योग को बढ़ावा देकर उस समय देश को आर्थिक रूप से मजबूत किया था जिसका असर आज भी भारत पर है.