जब इनकम टैक्स भरने का समय आता है तब ITR (Income Tax Return) और E Filing जैसे शब्द हमारे सामने आते हैं. कई लोग जो Income Tax नहीं भरते हैं उन्हें इन शब्दों के बारे में कोई जानकारी नहीं होती है. वैसे आप टैक्स भरे या न भरे आपको इन शब्दों के बारे में जरूर पता होना चाहिए. हो सकता है की आगे चलकर कभी आप को Income Tax भरना पड़े. इसलिए आपको पता होना चाहिए की (What is the ITR in Hindi?) ई फाइलिंग क्या होता है? इनकम टैक्स रिटर्न क्या है? ई फाइलिंग कैसे की जाती है? ई फाइलिंग के क्या फायदे होते हैं? e-Filing किसके लिए जरूरी है?
Contents
ई फाइलिंग क्या है? What is e Filing?
इनकम टैक्स भरने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है Income tax file करना. इनकम टैक्स फ़ाइल करने के दो तरीके हैं.
ऑफलाइन इनकम टैक्स फ़ाइल Offline income tax file
इनकम टैक्स फ़ाइल करने का पहला तरीका है ऑफलाइन इनकम टैक्स फ़ाइल करना. ये इनकम टैक्स फ़ाइल करने का सबसे पुराना तरीका है और अब काफी कम उपयोग किया जाता है. इसमें आपको सभी दस्तावेज़ के साथ इनकम टैक्स फ़ाइल को इनकम टैक्स ऑफिस जाकर जमा करना होता है.
ऑनलाइन इनकम टैक्स फ़ाइल Online income tax file
ऑनलाइन इनकम टैक्स फ़ाइल करना आजकल सबसे ज्यादा प्रचलन में है. इसकी वजह है की आप इसे कहीं से भी ऑनलाइन जमा कर सकते हैं. Online income tax file करने को ही ई फाइलिंग कहा जाता है. इसमें आपको अपने सभी दस्तावेजों को Online website पर जमा करना होता है. ऑनलाइन ही आपका आईटीआर जमा हो जाता है. ये काफी कारगर और तेज तरीका है ITR जमा करने का. इस तरीके से आपको न ऑफिस जाकर लाइन में लगना है, न बहुत सारे दस्तावेज़ की फोटोकॉपी करानी है, और न ही अपना समय बर्बाद करना है.
ई फाइलिंग किसके लिए जरूरी है? necessary for whom e-filing?
वित्त मंत्रालय के अनुसार हर व्यक्ति को ई फाइलिंग करना जरूरी है. लेकिन ये जरूरी है की आप करदाता हो या इनकम टैक्स के दायरे में आते हो. अगर आप Income Tax के दायरे में आते हैं तो आपको ई फाइलिंग जरूर करना चाहिए. इनकम टैक्स के दायरे में आने वाला हर व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन आईटीआर भर सकते हैं.
ई फाइलिंग के लिए जरूरी दस्तावेज़ Documents required for e-filing
ई फाइलिंग करने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज़ की जरूरत होती है.
पैन कार्ड : इससे ई फाइलिंग के लिए लॉगिन करना पड़ता है. ये आपका यूजर आईडी होता है.
आधार कार्ड : इनकम टैक्स रिटर्न को वेरिफ़ाई करने के लिए आधार नंबर की जरूरत होती है. आपका आधार पैन से लिंक होना बहुत जरूरी है.
Form 16 : इस फॉर्म के जरिये आप अपनी आम्दानी, टैक्स कटौती वाले निवेश, खर्चों व भुगतान की जानकारी देते हैं.
Form16 A : ये फॉर्म आपके बैंक या अन्य किसी स्त्रोत से हुई आम्दानी पर TDS काटने का सर्टिफिकेट होता है.
Form 26AS : इस फॉर्म में आपके हर तरह के टैक्स जमा करने के रिकॉर्ड दर्ज होते हैं.
Bank Passbook : आपके बैंक खाते की जानकारी के लिए बैंक पासबुक की जरूरत होती है.
Home Loan Certificate होम लोन सर्टिफिकेट : अगर आपने कोई होम लोन लिया है और उस पर छूट पाना चाहते हैं तो आपको Home Loan सर्टिफिकेट रखना चाहिए जिससे की आपको टैक्स पर छूट मिल सके.
Investment Proof इन्वेस्टमेंट प्रूफ : इनकम टैक्स पर आपको कई तरह की छूट मिलती है. जैसे Section 80C, 80 डी वगैरह. अगर आपने इनके तहत कहीं पर इन्वेस्ट किया है तो इन्हें भी दर्शाएं.
ई फाइलिंग करने के तरीके Ways of e-filing
ई फाइलिंग करने के भी दो तरीके हैं. हालांकि दोनों तरीकों के लिए आपको इन्टरनेट का उपयोग करना पड़ता है.
1) पहले तरीके में आपको खुद ऑनलाइन फॉर्म तैयार करना होता है और अपनी सभी जानकारी भरकर सबमिट करनी होती है. आप सीधे Income Tax Department की वेबसाइट पर जाते हैं. ऑनलाइन अपना फॉर्म भरते हैं और उसे सबमिट करते हैं. इसे भी आप दो तरीकों से कर सकते हैं. आप इसे सीधे इनकम टैक्स की वैबसाइट से कर सकते हैं या तो आप आपके Netbanking Account में लॉगिन करने रिटर्न भर सकते हैं.
2) ई फाइलिंग करने के दूसरे तरीके में आपको एक एक्सएमएल फॉर्म मिलता है. इसमें आपको एक फॉर्म डाउनलोड करना होता है. इसके बाद इस फॉर्म को भरना होता है. इसमें सभी जानकारी भरकर आपको E-filing Website पर अपलोड करना होता है. इसमें फायदा ये होता है की आप बिना डरे, बिना गलती हुए फॉर्म को भर सकते हैं.
ई फाइलिंग ऑनलाइन कैसे करें? How to do e-filing online?
ई फाइलिंग करने के लिए आपको इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाकर अकाउंट बनाकर या अपना अकाउंट लॉगिन करके ई फाइलिंग करना होता है. इसका तरीका नीचे बताया गया है.
-ऑनलाइन ई फाइलिंग करने के लिए income tax e filing website आपको incometaxindiaefiling.gov.in का इस्तेमाल करना होता है. यहाँ जाकर आप दाहिनी तरफ Register Yourself या Login Here विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं.
– अगर आप पहले से रजिस्टर्ड हैं तो लॉगिन करिए और नहीं है तो Register Yourself ऑप्शन का प्रयोग करें.
– लॉगिन करते वक़्त आपको पैन नंबर (User ID, पासवर्ड, जन्म तिथि और कैप्चा कोड भरना होता है.
– इन्हें सबमिट करने के बाद आप इनकम टैक्स अकाउंट के डैशबोर्ड पर पहुँच जाते हैं.
– डैशबोर्ड में बाईं ओर ऊपर की तरफ आपको Filing of income tax return का ऑप्शन मिलता है. इस पर क्लिक कीजिये. आप सीधे efile पेज पर पहुँच जाएंगे.
– अब आपके सामने एक फॉर्म खुल जाता है जिसमें आपको पैन नंबर, साल, आईटीआर फॉर्म का नाम, किस मोड में भरना चाहते हैं (Upload XML या Prepare and submit online)
– इसके बाद आपको Income tax return verification करने के लिए किसी विकल्प को चुनना होता है. आप चाहे तो अपने आधार ओटीपी, बैंक अकाउंट या पोस्ट के माध्यम को चुन सकते हैं. आधार और बैंक वाले ऑप्शन में जो आपका रजिस्टर्ड फोन नंबर होगा उस पर मैसेज आएगा.
– इस वेरिफिकेशन के पूरा होने के बाद आपने जो आईटीआर फॉर्म चुना है उसे भरने के लिए एक फॉर्म आएगा. इसमें मांगी गई जानकारी आपको सही-सही भरनी है और सबमिट करना है.
– सभी जानकारी को सबमिट करने के बाद आपको अपने आईटीआर को वेरफ़ाई करना होता है. इसे भी आप दो तरीकों से वेरफ़ाई कर सकते हैं. अगर आपके पास Digital Signature हैं तो आप सीधे उसे अपलोड कर दें. इसे अपलोड करने के बाद किसी तरह के वेरिफ़ाई की जरूरत नहीं रहेगी. अगर वो नहीं है तो आप आधार OTP की सहायता ले सकते हैं. अगर ये दोनों काम नहीं करना चाहते हैं तो आप रिटर्न की फोटोकॉपी पर साइन करके सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर CPC Bangaluru भेज सकते हैं. ध्यान रखें की ये प्रक्रिया 120 दिन के अंदर पूरी हो जानी चाहिए. वर्ण आपका रिटर्न मान्य नहीं रहेगा.
ई फाइलिंग के फायदे Benefits of e-filing
– ई फाइलिंग का सबसे बड़ा फायदा ये होता है की आपको बार-बार अपने डाटा को ITR के समय बताना नहीं पड़ता. इसमें आपका Data Online Store हो जाता है. इसके बाद जब भी आप ITR भरते हैं तो आप इसे आसानी से अपने यूजर आईडी के जरिये एक्सेस कर सकते हैं.
– ई फाइलिंग करने से आपको इनकम टैक्स भरने में ज्यादा समय नहीं लगता है. आपका आईटीआर तुरंत ही स्वीकार किया जाता है. जबकि ऑफलाइन प्रोसैस में ऐसा नहीं होता है.
– ई फाइलिंग के जरिये किए गए आईटीआर में यदि कोई रिफ़ंड होता है तो वो सीधे आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है. आपको उसके लिए परेशान नहीं होना पड़ता है.
– ई फाइलिंग में यदि आपका कुछ टैक्स बकाया होता है तो उसे भी सीधे आपके बैंक अकाउंट से ले लिया जाता है. इससे संबन्धित मैसेज आपके मोबाइल पर आ जाता है.
– ई फाइलिंग आप घर बैठे अपने मोबाइल, टैबलेट, लैपटाप या कम्प्युटर किसी से भी कर सकते हैं. आप इसे सातों दिन 24 घंटे कभी भी कर सकते हैं.
– ई फाइलिंग करने पर आपके द्वारा सबमिट किया गया आईटीआर सही तरीके से फ़ाइल हुआ है या नहीं इसके लिए किसी प्रूफ की आवश्यकता होती है. ये प्रूफ आपको ई फाइलिंग में मिल जाता है. आपके मेल पर इनकम टैक्स डिपार्टमेन्ट की ओर से मेल भेजा जाता है जिसमें आपके द्वारा जमा किए गए आईटीआर की जानकारी होती है.
– ई फाइलिंग करने में कोई गलती हो, गलत डाटा सबमिट हो जाए ऐसी गलतियाँ न के बराबर होती है क्योंकि ये सारी जानकारी खुद जांच-परखकर लेता है. अगर कोई चीज रह जाती है या गलत हो जाती है तो इसका सॉफ्टवेयर खुद बता देता है और से सही करवाकर भी फॉर्म को सबमिट करता है.
– e-Filing online करने का फायदा ये भी है की आप इसमें कन्फ्युज नहीं होते हैं क्योंकि इनकी वेबसाइट को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है जिससे यूजर आसानी से ITR file कर सके.
– ई फाइलिंग करने से आपके Document किसी गलत हाथ में जाने का डर नहीं रहता. आपके डॉकयुमेंट गोपनीय और सुरक्शित रहते हैं. इसमें ये डर भी नहीं रहता की आपके डॉकयुमेंट गुम या चोरी हो जाएंगे.
जो लोगो Income Tax का Payment करते हैं उन्हें Online e-filing करना चाहिए ताकि उनका समय और पैसा दोनों बचे. इसके अलावा यदि वे एक बार अपना रजिस्ट्रेशन कर लेंगे तो उन्हें बार-बार रजिस्टर नहीं होना पड़ेगा. अगली बार उनके लिए ITR फ़ाइल करना और भी आसान हो जाएगा.
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