वकालत एक ऐसा पेशा है जिसमें आप पैसा भी कमा सकते हैं और सम्मान भी पा सकते हैं. एक वकील (Lawyer Career in India) काफी पावरफुल होता है और उसकी काफी पहचान भी होती है. कानूनी मामलों से कैसे निपटना है ये एक वकील को अच्छी तरह पता होता है.
वकालत के पेशे में कई युवा आना चाहते हैं. इसके लिए आप एलएलबी (LLB Career Scope) करके एक वकील बन सकते हैं और कोर्ट में प्रैक्टिस कर सकते हैं. लेकिन यदि आप सरकारी वकील यानी पब्लिक प्रोसीक्यूटर बनना चाहते हैं (Sarkari Vakeel Career Guidence) तो इसका प्रोसेस थोड़ा अलग है. सरकारी वकील कैसे बने? इससे जुड़े सवाल आप यहाँ जानेगे जिसके बाद आप अपना करियर सरकारी वकील के रूप में बना सकते हैं.
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सरकारी वकील क्या होता है? (What is Public Prosecutor?)
सरकारी वकील को पब्लिक प्रोसीक्यूटर (Sarkari Vakeel in Englishi) कहा जाता है. इसके नाम में ही इसका अर्थ छुपा हुआ है. ऐसा वकील जो सरकार की ओर से वकालत करता है उसे सरकारी वकील कहते हैं.
इनका प्रमुख कार्य सरकार की ओर से कोर्ट में अपना पक्ष रखना होता है. इसके अलावा जो लोग अपना खुद का वकील नहीं कर पाते सरकार उन्हें वकील देती है वे सरकारी वकील ही होते हैं. हर प्रदेश को सरकारी वकीलों की जरूरत होती है. इसलिए इसमें करियर बनाने का काफी स्कोप है.
सरकारी वकील का कार्य (Work and duties of Public Prosecutor)
सरकारी वकील दो तरह के प्रमुख कार्य करते हैं.
1) सरकारी केस लड़ते हैं.
सरकारी वकील एक तरफ सरकार की ओर से दिये गए केस लड़ते हैं. जैसे कई मामलों में किसी व्यक्ति द्वारा राज्य सरकार पर केस किया जाता है. जैसे मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर केंद्र सरकार पर केस किए गए. इसी तरह के केस सरकार की तरफ से सरकारी वकील लड़ते हैं जो काफी अनुभवी होते हैं.
2) आपराधिक एवं नागरिक केस लड़ते हैं
सरकारी वकील दूसरी तरफ आपराधिक केस भी लड़ते हैं. आपने देखा होगा कि कई आपराधिक मामलों में किसी व्यक्ति को वकील दिया जाता है. इन्हें अपना पक्ष रखने के लिए सरकारी वकील मुहैया कराया जाता है.
सरकारी वकील के कुछ प्रमुख कार्य निम्न हैं.
– पुलिस द्वारा फाइल की गई चार्जशीट का अच्छे से विश्लेषण करना.
– आपराधिक एवं नागरिक मामलों को देखना.
– कोर्ट में ट्रायल शुरू होने से पहले Pre Trial कंडक्ट करना ताकि पुलिस द्वारा फाइल की गई एफ़आईआर को अच्छे से इंवेस्टिगेट किया जा सके.
– कोर्ट में केस से संबन्धित सभी सबूतों और तथ्यों को सामने रखना.
– केस से संबन्धित गवाहों की कोर्ट में पेशी करना और सभी सबूतों को जज के सामने रखना.
– कोर्ट को सही फैसला लेने में मदद करना.
– राज्य सरकार के बचाव में केस लड़ना.
– पीड़ित व्यक्ति को इंसाफ दिलवाना.
इन सभी कार्यों को सरकारी वकील के द्वारा किया जाता है.
सरकारी वकील बनने के लिए योग्यता (Eligibility for Public Prosecutor)
सरकारी वकील भी एक वकील ही होता है लेकिन ये वकील से थोड़ा अलग होता है. क्योंकि वकील के खुद के क्लाईंट होते है और वो उनके केस लड़कर कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. वहीं दूसरी ओर सरकारी वकील को सरकार द्वारा दिये गए निर्देश पर कार्य करना होता है. इनकी योग्यता की बात करें तो
– एक सरकारी वकील Law Graduate होना चाहिए.
– उसने कम से कम 7 साल Law Practice की हो.
– उसकी उम्र 35 वर्ष हो.
इन सभी योग्यताओं के साथ आप एक सरकारी वकील बन सकते हैं. लेकिन सरकारी वकील बनने के कई रास्ते हैं. जिन पर इसकी योग्यता निर्धारित करती है.
सरकारी वकील कैसे बनें? (How to become Public Prosecutor?)
सरकारी वकील दो तरीके से बना जा सकता है.
1) अनुभव के आधार पर
सरकारी वकील बनने का जो पहला रास्ता है वो है अनुभव के आधार पर. यदि आपको वकालत के पेशे में अच्छा अनुभव हो गया है तो आपके सरकारी वकील बनने के चांस बन जाते हैं.
इसके लिए आपको पहले 7 वर्षों तक वकालत करनी होगी. आप भारत के किसी कोर्ट में 7 वर्ष तक प्रैक्टिस करें, केस जीतें और न्यायपालिका के आला दर्जे के अधिकारियों की नजर में बने रहे. याद रहे इसमें आपकी उम्र कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए.
राज्य सरकार अनुभव के आधार पर जो वकील चुनती है उसके लिए जजों का पैनल होता है जो ऐसे वकीलों के नाम राज्य सरकार को सजेस्ट करती है जिनका वकालत में अच्छा अनुभव है. यदि आपका नाम उसमें आता है तो आप सरकारी वकील बन जाते हैं.
2) प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर
सरकारी वकील बनने के लिए जो दूसरा रास्ता है वो है प्रतियोगी परीक्षा का रास्ता. यदि आप 7 सालों तक प्रैक्टिस नहीं करना चाहते हैं और आपको एलएलबी करने के बाद ही सरकारी वकील बनना है तो आपको इसके लिए Competitive Exam देना होगा. सकरारी वकील (Exam for Public Prosecutor) बनने के लिए हर राज्य के द्वारा अलग-अलग Exam Conduct करवाया जाता है. इसमें भाग लेकर आप Law Graduate होने के बाद सरकारी वकील बन सकते हैं.
इस तरीके में आपको किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है. आप सीधे ग्रेजुएशन के साथ ही इसकी तैयारी कर सकते हैं. कड़ी मेहनत से की गई तैयारी से आप इस एक्जाम को क्रैक कर सकते हैं और सरकारी वकील के रूप में चयनित हो सकते हैं. नीचे हम आपको राज्य सरकार के द्वारा सरकारी वकील के लिए Conduct किए जाने वाले Exam के नाम बता रहे हैं. (Compititative Exam for Sarkari Vakeel)
1) Madhya Pradesh के द्वारा ADPO Exam लिया जाता है.
2) Uttar Pradesh के द्वारा APO Exam लिया जाता है.
3) Rajasthan के द्वारा APP Exam लिया जाता है.
4) Andhra Pradesh के द्वारा APSLPRB Assistant Prosecutor Exam लिया जाता है.
इस तरह अलग-अलग राज्यों में सरकारी वकील के लिए अलग-अलग परीक्षा होती है.
सरकारी वकीलों की नियुक्ति कैसे होती है? (How Public Prosecutor Appointed?)
सरकारी वकीलों की नियुक्ति में प्रमुख रोल राज्य सरकार का होता है. यदि आप अनुभव के आधार पर सरकारी वकील बनना चाह रहे हैं तो कोर्ट के पैनल के द्वारा अनुभवी वकील की लिस्ट राज्य सरकार के पास जाती है. फिर न्यायपालिका के सुझाव के आधार पर सरकारी वकीलों की नियुक्ति की जाती है.
यदि आप प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से सरकारी वकील बन रहे हैं तो इसमें आपको परीक्षा के सारे लेवल पार करने होते हैं. अंत में जो मेरिट लिस्ट बनेगी उसमें आपका नाम होना चाहिए. फिर आपकी नियुक्ति सरकारी वकील के तौर पर हो जाएगी.
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सरकारी वकील एक नामी वकील बन जाता है. क्योंकि वह सरकार की ओर से केस लड़ता है. इन्हें अच्छे वेतन तथा सुविधाएं दी जाती है. लेकिन ध्यान रखें कि हर व्यक्ति सरकारी वकील नहीं बन सकता. इसके लिए आपके पास अच्छा अनुभव हो या फिर आपने प्रतियोगी परीक्षा पास की हो.