पुराने जमाने में लोग किसी स्थान पर पहुँचने के लिए सूरज की दिशा और तारों को देखते थे. पानी के रास्तों से जाने के लिए अक्सर तारों की चाल को देखा जाता था. इनके आधार पर ही ये तय किया जाता था कि वे किस स्थान और किस दिशा में जा रहे हैं लेकिन अब समय पूरी तरह बदल चुका है और किसी स्थान पर जाने के लिए लोग अब इन चीजों के अलावा GPS का उपयोग करते हैं. जीपीएस ने हमारी ज़िंदगी को काफी आसान बना दिया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि जीपीएस क्या होता है और कैसे काम करता है?
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जीपीएस क्या होता है? What is GPS?
GPS एक तरह की Navigation प्रणाली है जो उपग्रह पर आधारित होती है. जब आपको किसी स्थान से दूसरे स्थान पर जाना होता है तो जीपीएस आपको उस स्थान तक जाने के सटीक रास्ते और दिशा बताता है. इस प्रणाली का उपयोग पूरी दुनिया में किया जा रहा है और उपग्रह के साथ ये Technology काफी अच्छे से काम कर रही है. GPS System के काम करने के लिए पूरी दुनिया में 24 Satellite का एक समूह है जो अन्तरिक्ष में है. इन्हें धरती के ओरबिट में रखा गया है. पहले अमेरिका ने इन्हें सैन्य उपयोग के लिए बनाया गया था लेकिन बाद में इन्हें आम लोगों के इस्तेमाल के लिए उपयोग में लाया गया. आप दिन भर के 24 घंटे में इसे कभी भी उपयोग कर सकते हैं ये हमेशा आपकी मदद के लिए तैयार रहता है. हालांकि इसे चलाने के लिए आपके पास Internet होना चाहिए या ये पहले से ही आपकी डिवाइस में इनबिल्ट होना चाहिए.
जीपीएस का पूरा नाम क्या है? What is the Full Form of GPS?
जीपीएस का पूरा नाम Global Positioning System है. ये एक ऐसा सिस्टम है जो तीन चीजों से मिलकर बना है सैटेलाइट, ग्राउंड स्टेशन और रिसीवर. इसमें Satellite Graund Station का उपयोग करते हुए रिसीवर को बताता है कि उस जगह की सही पोजीशन क्या है और कहाँ है? इसमें रिसीवर के रूप में आपका Phone, Computer, Laptop, Tablet या फिर आपके वाहन में लगा GPS Display हो सकता है.
जीपीएस का इतिहास History of GPS
जीपीएस को उपयोग में सबसे पहले अमेरिका के डिफेंस सिस्टम में लाया गया था. अगर जीपीएस की बात की जाए तो इसे अमेरिका का ही सिस्टम माना जाता है जो पूरी दुनिया में काम कर रहा है. हालांकि भारत ने भी अपना खुद का जीपीएस तैयार करके लॉंच कर दिया है जिसे नाविक कहा जाता है. साल 1957 में रूस ने भी स्पूतनिक 1 को लॉंच किया था जिसकी मदद से बेहतर लोकेशन प्राप्त की जा सके.
अमेरिका ने इसे 1960 में शुरू किया था अमेरिकी नेवी के लिए ताकि वो अपने सबमरीन के लिए बेहतर नेविगेशन दे सके. काफी सालों तक जीपीएस का इस्तेमाल सिर्फ सरकार ही करती रही लेकिन बाद में इसे आम जनता के लिए उपलब्ध करा दिया गया. अब सरकार जिस GPS System का उपयोग करती है वो काफी अपडेटेड वर्जन है. आपके पास जीपीएस का जो रूप आता है उसमें काफी सारी जानकारी नहीं होती है. इसमें सरकार यदि किसी स्थान को छुपाना चाहती है तो उसे छुपा भी सकती है और फिर वो आपके GPS पर दिखाई नहीं देता है.
जीपीएस कैसे काम करता है? How Does GPS work?
जीपीएस पृथ्वी की सतह से लगभग 19,300 किलोमीटर ऊपर अन्तरिक्ष में तैनात 24 सैटेलाइट का समूह है. ये उपग्रह हर 12 घंटे में एक बार पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं जो बेहद तेज गति के साथ करते हैं क्योंकि पृथ्वी का एक चक्कर लगाना काफी लंबा काम है. ऐसे में सिर्फ 12 घंटे में पृथ्वी का चक्कर लगाने के लिए इन सैटेलाइट को करीब 11,200 किलोमीटर की रफ्तार से चलना पड़ता है.
हर जीपीएस उपग्रह एक संदेश प्रसारित करता है जिसमें उपग्रह की वर्तमान स्थिति, कक्षा और सटीक समय शामिल होता है. एक जीपीएस कई सैटेलाइट से प्रसारित संदेशों को जोड़कर सही स्थिति की गणना करता है और आपको बताता है.
जीपीएस के उपयोग Use of GPS system
GPS के कई सारे उपयोग पूरी दुनियाभर में हो रहे हैं. सरकार से लेकर आम व्यक्ति तक जीपीएस का उपयोग रोजाना करता है.
1) GPS का उपयोग सबसे ज्यादा किसी Location को पहचानने के लिए किया जाता है. मान लीजिये आप किसी ऐसी जगह पर गए जहां पर आपको पता नहीं है कि वो जगह कौन सी है और किस शहर और किस राज्य में स्थित है तो आप जीपीएस की मदद से आसानी से ये पता लगा पाएंगे कि वो जगह कौन सी है.
2) GPS का दूसरा सबसे ज्यादा उपयोग नेविगेशन के लिए किया जाता है. अगर आपको एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना है और आपको रास्ता पता नहीं है तो आप जीपीएस की सहायता से उस स्थान तक जा सकते हैं. जीपीएस में उस स्थान के सड़कों के और ट्रेन के रास्तों के मैप होते हैं जिनके जरिये जीपीएस आपको आसानी से वहाँ तक पहुंचा देता है जहां आप जाना चाहते हैं.
3) जीपीएस का उपयोग ट्रैकिंग करने के लिए भी किया जाता है. लेकिन इसके लिए आपको जिस चीज की Tracking करना है उसमें जीपीएस डिवाइस का लगा होना जरूरी होता है. आपने फिल्मों में देखा होगा कि कैसे एक जीपीएस ट्रैकर लगाकर किसी व्यक्ति की लोकेशन का पता लगा लिया जाता है. आमतौर पर पुलिस इस काम को काफी अच्छे से कर सकती है क्योंकि वो आपके स्मार्टफोन के जरिये आपकी लोकेशन का पता लगा सकती है.
4) Google Map का उपयोग तो आप सभी ने किया होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये मैप कैसे बन गए और कहाँ से आए. दरअसल ये मैप जीपीएस सिस्टम के जरिये ही आए हैं. वास्तव में ये Map GPS के लिए काम करने वाली सैटेलाइट द्वारा बनाए गए हैं. जीपीएस के लिए काम करने वाली 24 सैटेलाइट की नजर में पूरी दुनिया है. इसकी मदद से सारे मैप बनाए गए हैं और जिस स्थान पर आप जाना चाहते हैं उस स्थान के मैप को आप इसी की मदद से देख पाते हैं.
5) एक स्थान से दूसरे स्थान की दूरी कितनी है और वहाँ जाने में कितना टाइम लगेगा ये गूगल मैप पर आप आसानी से पता लगा सकते हैं लेकिन ये सभी तब संभव हो पाया जब जीपीएस ने अपना काम सही से किया. गूगल मैप भी जीपीएस की मदद से ही ये बता पाता है कि किसी स्थान तक जाने में आपको कितना समय लगेगा. वो जगह कितनी दूर है और आप वहाँ कितनी देर में पहुँच पाएंगे.
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जीपीएस क्या है और कैसे काम करता है इस बारे में तो आप अच्छी तरह जान गए होंगे. आज की दुनिया में हम जीपीएस का काफी ज्यादा उपयोग करते हैं. अगर जीपीएस नहीं होता तो हम ये आसानी से पता नहीं लगा पाते कि कोई स्थान कितनी दूर है, आप वहाँ कितने समय में पहुँच पाएंगे और कैसे पहुँच पाएंगे. जीपीएस आपको उस जगह का रास्ता बताता है और साथ ही उस जगह की जानकारी भी देता है जहां आप पहले नहीं गए हैं और जाना चाहते हैं.