जब भी हम कोई वाहन (Vehicle) खरीदते हैं तो हमें उसका Insurance करवाने के लिए कहा जाता है. लेकिन वाहन का बीमा भी दो तरह का होता है. फ़र्स्ट पार्टी इंश्योरेंस (First party insurance) और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third party insurance) . अब समस्या ये हो जाती है की इन दोनों में से कौन सा बीमा खरीदना चाहिए. इसके अलावा वाहन बीमा (vehicle insurance) खरीदना क्यों जरूरी होता है, वाहन बीमा के क्या फायदे होते हैं? इन सभी बातों की हमें जानकारी होनी चाहिए तभी हम एक अच्छा वाहन बीमा खरीद पाते हैं अन्यथा हम बेवजह ही पैसे खर्च करके कोई भी वाहन बीमा ले लेते हैं और हमें पता ही नहीं होता की उसका क्या उपयोग होने वाला है.
वाहन बीमा क्यों जरूरी है? Why Is It Important to Have Vehicle Insurance?
वाहन बीमा खरीदना हमारे लिए काफी जरूरी होता है. जब भी हम वाहन चलाते हैं तो वाहन चलाते समय दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है. दुर्घटना होने पर दुर्घटना करने वाले या फिर दूसरे व्यक्ति को भौतिक तथा शारीरिक रूप से नुकसान हो जाता है. कई बार कुछ लोगों की मृत्यु भी हो जाती है. अगर आपके पास ये बीमा नहीं होता है तो कोर्ट की सुनवाई के बाद ये सारी राशि आपको ही भरनी होती है. अगर आपके पास वाहन का बीमा होता है तो ये पूरी राशि बीमा कंपनी देती है.
फ़र्स्ट पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है? What is First Party Insurance?
फ़र्स्ट पार्टी इंश्योरेंस वो इंश्योरेंस होता है जिसमें बीमा करवाने वाले तथा दुर्घटना में ग्रस्त होने वाले दूसरे व्यक्ति तथा उसकी गाड़ी दोनों को क्लैम मिलता है. इसे First Party insurance कहते हैं. इस बीमा को लेने के बाद यदि आपकी गाड़ी चोरी हो जाती है, किसी दुर्घटना में बुरी तरह खराब हो जाती है तो इसका क्लैम आपको मिल जाता है. गाड़ी के चोरी होने पर आपको गाड़ी की मार्केट वैल्यू मिल जाती है. इस बीमा की सबसे अच्छी बात यही है की अगर बीमा को लेने वाले व्यक्ति के द्वारा एक्सिडेंट होता है जिसमें उसकी खुद की गाड़ी तथा दूसरे व्यक्ति की गाड़ी बुरी तरह खराब हो जाती है तो उसे सुधारने का पूरा पैसा बीमा द्वारा मिल जाता है. अगर शारीरिक क्षति भी हो जाती है तो उसका पैसा भी बीमा द्वारा मिल जाता है.
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है? What is third party insurance?
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस वो इंश्योरेंस होता है जिसमें आपके द्वारा दुर्घटना होने पर सामने वाले को हुई हानि का क्लैम सामने वाले को मिल जाता है. इसे समझने के लिए मान लीजिये की कोई व्यक्ति है राहुल. उसने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लिया हुआ है. अब उसकी बाइक से दूसरी बाइक को टक्कर लग गई. इस टक्कर में दूसरे व्यक्ति के शरीर में चोट लगी उसकी हड्डी टूट गई और उसकी बाइक भी टूट-फुट गई. इसी टक्कर में राहुल की बाइक में थोड़ी टूट-फुट हुई.
अब Third Party insurance लेने के नाते दूसरे व्यक्ति का जितना भी नुकसान हुआ उसका क्लैम राहुल की थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कंपनी देगी. वही राहुल की बाइक में जितनी भी टूट-फुट हुई है उसका क्लैम उसे नहीं मिलेगा. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति की बाइक यदि चोरी भी हो जाती है तो उसे उसकी बाइक का पैसा नहीं मिलता क्योंकि ये बीमा उस व्यक्ति का होता है जिसको आपकी गाड़ी से हानि पहुंचने वाली है.
फ़र्स्ट पार्टी तथा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में अंतर Difference between first party and Third Party insurance
– फ़र्स्ट पार्टी बीमा लेने पर एक्सिडेंट करने वाले तथा एक्सिडेंट में घायल होने वाले दोनों व्यक्तियों की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है. तथा गाड़ी के चोरी होने पर उसे क्लैम दिया जाता है. वहीं थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में उसे क्लैम मिलता है जो दुर्घटना में बीमा लेने वाले की गाड़ी से घायल हुआ है या उसकी गाड़ी में टूट-फूट हुई है. इसमें बीमा को खरीदने वाले व्यक्ति को कोई लाभ नहीं होता. उसे बस इतना लाभ होता है की उसे अपनी जेब से इस नुकसान की भरपाई नहीं करनी पड़ती है.
– अगर आपके पास फ़र्स्ट पार्टी इंश्योरेंस नहीं भी है तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अगर आपके पास थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं है तो आप पर कानूनी कार्यवाही की जाती है. इसके लिए 2000 रुपये का जुर्माना और 3 महीने की जेल की सजा है. इसलिए गाड़ी चला रहे हैं तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूर करवाएँ.
– अगर आप नई बाइक ले रहे हैं तो आपको 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य होता है. वहीं बड़े वाहन के लिए इसकी सीमा 3 साल है. इसके अलावा फ़र्स्ट पार्टी इंश्योरेंस में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है. इसे आप 1 साल या इससे ज्यादा अपनी सुविधा के अनुसार करवा सकते हैं.
अतिरिक्त बीमा सुविधाएं Additional Insurance Facilities
आप जो बीमा पॉलिसी लेते हैं उसमें कई तरह की सहायक बीमा सुरक्षाएं होती हैं जो आपकी और आपके वाहन की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करती है. इन्हें Add on Cover या Rider भी कहा जाता है. ये निम्न हैं.
Road Accident Cover : अपनी गाड़ी के ड्राईवर तथा सवारियों के लिए बीमा सुरक्षा पाने के लिए
Zero Depreciation Cover : बीमा क्लैम के समय अपनी गाड़ी की कीमत न घटाने के लिए
Return to invoice cover : वाहन चोरी या पूरी तरह नष्ट हो जाने पर पूरी कीमत पाने के लिए
Engine Protection Cover : इंजन को नुकसान पहुंचने पर रिपेयरिंग करने या बदलने के लिए
Roadside assistance cover : हादसा होने पर बीमा कंपनी की ओर से मौके पर ही मदद पहुंचाने के लिए.
NCB Protector Cover : दो क्लैम करने के बावजूट नो क्लैम बोनस का फायदा जारी रखने के लिए.
वाहन का बीमा करवाना एक जरूरी काम है. अगर आप गाड़ी चला रहे हैं तो दुर्घटना होने की समस्या तो बनी ही रहती है. आप भले ही पूरे नियम-कायदों के साथ अपनी गाड़ी को चला रहे हैं लेकिन दूसरा ही कोई व्यक्ति गलत गाड़ी चलाकर दुर्घटना कर दे तो ऐसे में दोनों का नुकसान होता है. ऐसे में अगर आपके पास बीमा होता है तो आप दूसरे व्यक्ति के साथ हुई हानि की भरपाई बिना किसी खर्च के कर पाएंगे.
अगर आपके पास बीमा नहीं है तो इसकी पूरी भरपाई आपको अपनी जेब से करनी पड़ेगी. इसलिए अपनी गाड़ी का बीमा जरूर करवाएँ. आप अपनी मर्जी के अनुसार फ़र्स्ट पार्टी बीमा या थर्ड पार्टी बीमा करवा सकते हैं. अगर आपको आपकी गाड़ी ज्यादा ही प्यारी है तो आप उसका फ़र्स्ट पार्टी बीमा ही करवाएँ. इससे आपको, आपकी गाड़ी को और दुर्घटना में ग्रस्त होने वाले व्यक्ति तीनों को क्लैम मिलता है.
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