Cryptocurrency आज के समय में एक बहुत ही पॉपुलर शब्द है. काफी सारे लोग क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा निवेश कर रहे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी से संबन्धित कई सवाल इन्टरनेट पर पूछे जाते हैं. इनमें से एक महत्वपूर्ण सवाल ‘क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है?’ (What is Cryptocurrency mining?) ये पूछा जाता है. काफी सारे लोग क्रिप्टोकरेंसी माईनिंग क्या है और कैसे होती है? इस बारे में नहीं जानते हैं.
Cryptocurrency mining एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे लोग काफी सारा पैसा कमा रहे हैं. लेकिन इसके लिए आपको क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग आनी चाहिए. अमेरिका और कजाख्स्तान जैसे देशों में क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग से काफी सारा पैसा कमाया जा रहा है. असल में इन देशों में ये एक इंडस्ट्री बनकर उभरी है जिससे काफी सारे लोग रातोंरात करोड़पति बने है.
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क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (What is Cryptocurrency?)
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग के बारे में जानने से पहले हम ये जानते हैं कि Cryptocurrency Kya hai?
क्रिप्टो एक लैटिन भाषा का शब्द है जो Cryptography से मिलकर बना है. इसका मतलब होता है ‘छिपा हुआ’. क्रिप्टोकरेंसी का मतलब होता है एक ऐसी करेंसी जो छुपी हुई है. क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की ऑनलाइन करेंसी है जो किसी सरकार के द्वारा नियंत्रित नहीं हो रही है. इसका नियंत्रण कंप्यूटर पर है. बिटकॉइन और डॉगकॉइन इसके प्रमुख उदाहरण हैं.
हम सभी जानते हैं कि हर देश की अपनी मुद्रा होती है. जैसे भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर और रूस में रूबल. ये सभी मुद्रा ऐसी हैं जो किसी देश की हैं और उन्हें उस देश के द्वारा नियंत्रित किया जाता है. हर मुद्रा को डॉलर को साथ भी आँका जाता है जिससे ये पता लगाया जाता है कि कोई देश कितना समृद्ध है.
इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी भी एक मुद्रा है. लेकिन ये एक डिजिटल मुद्रा है, जिसके अंदर कई सारी मुद्रा है जैसे बिटकॉइन, इथेरियम, टीथर आदि. इनकी खास बात ये है कि इस पर किसी देश की सरकार का हक नहीं है और न ही इन्हें किसी देश की केन्द्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है. क्रिप्टोकरेंसी में आज के समय में सबसी महंगी और मूल्यवान करेंसी बिटकॉइन है. एक बिटकॉइन की कीमत 50 लाख रुपये से भी ज्यादा है.
क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास (History of Cryptocurrency)
साल 2009 से पहले तक किसी ने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुना भी नहीं था. साल 2009 में सातोषी नाकामोतो ने Bitcoin जारी किया. शुरुआत में इसकी कीमत काफी कम थी. एक डॉलर से भी कम. तब लोगों ने मज़ाक-मज़ाक में इसमें कई सारे बिटकॉइन खरीद लिए.
उस समय ये बिलकुल बच्चों के खेल की तरह थी. इसलिए लोगों ने इसमें निवेश करना शुरू किया. धीरे-धीरे इसकी कीमत बढ़ी और पैसा लगाने वालों को अच्छे रिटर्न मिलना शुरू हुए. तब लोगों का रुझान इसमें बड़ा और ये पॉपुलर हुई. आज आप देख सकते हैं कि बिटकॉइन कितनी पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बन गई है. आज के समय पर करीब 1800 क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं.
ब्लॉकचैन क्या है? (What is Blockchain Technology?)
आज के समय में एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपये में है तो आप समझ सकते हैं कि इसके पीछे जो तकनीक काम कर रही होगी वो कितनी सुरक्षित और अपडेट होनी चाहिए. किसी भी क्रिप्टोकरेंसी को चलाने के पीछे जो तकनीक काम करती है उसे ब्लॉकचैन (Blockchain Kya hai?) कहा जाता है.
ब्लॉकचैन तकनीक का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी को मेनेज करने के लिए किया जाता है. ये एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिये क्रिप्टोकरेंसी के पूरे लेनदेन को सुरक्षित रखा जाता है. आसान भाषा में कहे तो ये एक तरह का Digital Ledger है जिसमें क्रिप्टोकरेंसी के Transaction की पूरी जानकारी होती है.
Blockchain technology में डाटा को ब्लॉक के रूप में सेव किया जाता है. इसमें क्रिप्टोकरेंसी खरीदने वाले यूजर को एक Key दी जाती है जिसकी मदद से वो अपने account को operate करता है. वो व्यक्ति जब भी किसी Cryptocurrency को खरीदेगा उसका डाटा Blockchain technology पर सेव हो जाएगा. इसके बाद उसके डाटा को बदला नहीं जा सकता. Blockchain technology काफी सेफ होती है क्योंकि इसमें सेव डाटा को बदला नहीं जा सकता. इससे Crypto Currency खरीदने वाला यूजर निश्चिंत रहता है और उसे अपना पैसा डूबने की चिंता भी नहीं रहती है.
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग क्या है? (What is Cryptocurrency mining?)
माइनिंग शब्द सुनकर आपके दिमाग में आ रहा होगा कि ये क्रिप्टोकरेंसी को बनाने की प्रक्रिया होगी. या फिर किसी सिक्के जैसे Bitcoin को बनाने की प्रक्रिया होगी. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग इन सभी बातों से बिलकुल अलग है.
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कंप्यूटर पावर का इस्तेमाल करके क्रिप्टोकरेंसी में होने वाले ट्रैंज़ैक्शन को प्रोसेस किया जाता है. क्रिप्टोकरेंसी में हर सेकंड पर काफी सारे ट्रैंज़ैक्शन होते हैं. इनका हिसाब-किताब रखना भी काफी मुश्किल होता है. इस मुश्किल को काम को क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग में किया जाता है. इस काम को करने वाले व्यक्ति को माइनर कहा जाता है.
दुनियाभर में काफी सारे लोग क्रिप्टोकरेंसी पर अपना पैसा इन्वेस्ट कर रहे हैं और ये पूरा सिस्टम ब्लॉकचैन पर आधारित है. इसमें हर लेनदेन ब्लॉक के रूप में सर्वर पर सेव होता रहता है. ये एक बार सेव हो जाता है तो इसे बदला भी नहीं जा सकता. जब तक इसमें कोई परिवर्तन नहीं होता तब तक ये सब अच्छे से चलता रहता है.
लेकिन जब कोई व्यक्ति नए तौर पर क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा लगाता है या फिर अपनी कोई क्रिप्टोकरेंसी बेचता है तो उसका सारा हिसाब करना पड़ता है. इस काम में ब्लॉक ज्यादा होते हैं या कम होते हैं. यहीं से क्रिप्टोकरेंसी माइनर्स का काम शुरू होता है. जब इसमें नए ब्लॉक की जरूरत पड़ती है तो इन ब्लॉक को माइनर्स द्वारा जल्दी से डेवलप किया जाता है. उसके अकाउंट की सारी जानकारी सही से अपलोड की जाती है.
ये सारा काम कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर से किया जाता है. इस काम के लिए काफी सारी बिजली, इन्टरनेट और अच्छे कंप्यूटर की जरूरत होती है. जो सारी गणना कर सके. जो लोग इसे इंडस्ट्री के रूप में चला रहे हैं वो काफी बड़े डाटा सेंटर बना चुके हैं. जिस तरह लोग कंपनियों में मशीन लगवाते हैं ठीक उसी तरह माइनिंग में कई सारे कंप्यूटर और सीपीयू की जरूरत पड़ती है और इन्हें चलाने के लिए तेज इन्टरनेट और बिजली की आवश्यकता होती है.
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क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग एक बहुत तेजी के साथ किया जाने वाला काम है. भारत में भी ये काफी पॉपुलर हो रहा है. इसमें जो सबसे पहले इनके अलगोरिथम को सॉल्व कर देता है, उसे इनाम के रूप में बिटकॉइन मिलता है.