जब आप किसी बैंक से किसी तरह का लोन लेते हैं तो आपसे ECS Mandate नाम का फॉर्म भरवाया जाता है. इस फॉर्म को भरते वक़्त काफी लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते कि इस फॉर्म को क्यों भरवाया जा रहा है. या फिर ECS Mandate meaning क्या है? इस लेख में जानेंगे कि ECS क्या होता है? ECS Mandate क्या होता है? और NACH क्या होता है?
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ECS क्या होता है? | ECS Full form
ECS Meaning in Hindi ईसीएस का पूरा नाम Electronic Clearing Service होता है. ये बैंकिंग सर्विस में फंड ट्रांसफर के दौरान इस्तेमाल होने वाली एक प्रक्रिया है. यह कंप्यूटर आधारित एक ऐसी सुविधा होती है जिसमें Regional Clearing House की मदद से बैंक अकाउंट के बीच फंड ट्रांसफर की सुविधा मिलती है. ये Clearing house आरबीआई की ओर से स्थापित किए गए ऐसे सेंटर होते है जहां बैंक के बीच एक दूसरे की देनदारियों का निपटारा होता है. अतः ऐसे लेन-देन जिनमें एक साथ कई लोगों को बार-बार पेमेंट करने की जरूरत होती है वहाँ इसका इस्तेमाल किया जाता है.
ECS को आसान भाषा (ECS in hindi) में समझें तो जब आप कोई लोन लेते हैं तो किश्त हर महीने एक तय तारीख पर आपके अकाउंट से कट जाती है. इस प्रक्रिया में आप किसी तरह का कोई ट्रांसफर नहीं करते फिर भी आपके अकाउंट से पैसे कटते है. क्योंकि आप लोन लेते समय ECS Mandate फॉर्म भरते हैं जिसमें आप खुद ये अनुमति देते हैं कि आपके अकाउंट से हर महीने दूसरे अकाउंट में इतने पैसे काट सकते हैं.
अब जिस अकाउंट में पैसे जा रहे हैं वो तो एक ही अकाउंट है लेकिन उसने कई लोगों को लोन दिया है. इस तरह उसे अलग-अलग अकाउंट से हर महीने ढेर सारे पैसे काटने होते हैं. ये सब काफी उलझा हुआ काम है और इसमें जरा सी भी चूक होने पर काफी नुकसान हो सकता है. इसलिए इसमें एक ऑटोमैटिक सिस्टम का उपयोग किया जाता है. जो जानकारी फीड कर देने पर हर महीने या तय तारीख को अकाउंट से किश्त काट कर उस अकाउंट में पहुंचा देता है जिससे लोन लिया है. इस सिस्टम को ही ECS कहा जाता है.
ईसीएस का इस्तेमाल दो तरह से होता है
ECS Credit
जब कंपनियाँ या संस्थाएं अपने अकाउंट से बहुत सारे अकाउंट में एक साथ भुगतान करती हैं तो इसे ECS Credit कहा जाता है. जैसे कंपनियाँ सैलरी देती है तो एक ही दिन में कई सारे अकाउंट में पैसा अपने आप ट्रांसफर हो जाता है. थी इसी तरह बैंक हर निश्चित समय में अपने ग्राहकों को अपने आप ब्याज भेज देती हैं, पेंशन उनके अकाउंट में आ जाती है. ये सब ECS Credit सिस्टम की वजह से होता है.
ECS Debit
जब बहुत सारे अकाउंट से काटकर पैसा एक अकाउंट में लिया जाता है तो उसे ECS Debit कहा जाता है. जैसे किसी बैंक ने 1000 लोगों को लोन दिया. 5 तारीख को वे लोन की किश्त लेते हैं तो हर महीने की 5 तारीख को उन 1000 लोगों के बैंक अकाउंट से लोन की किस्त अपने आप कट जाएगी. ये काम ECS Debit सिस्टम के जरिये होगा. आप ऐसा बिजली बिल, टेलीफोन बिल, इनवेस्टमेंट करने के लिए भी कर सकते हैं.
ECS Mandate क्या होता है? | ECS Mandate in hindi
लोन लेते समय हम सभी इस फॉर्म को जरूर भरते हैं. इस फॉर्म के बारे में जानना बहुत जरूरी है क्योंकि इस एक फॉर्म के कारण आपके अकाउंट से हर महीने तय तारीख को पैसा कट जाता है. ये एक तरह का आदेश पत्र होता है जिसमें आप अपने अकाउंट से पैसा कटवाने के लिए अपने बैंक को अधिकृत करते हैं. इसमें आपको अपने बैंक अकाउंट के डिटेल्स देने होते हैं और पैसा कटवाने पर सहमति देनी होती है. आपके अकाउंट से कितना पैसा काटा जाएगा आपको ये भी बताना होता है.
NACH क्या होता है? NACH full form
NACH का full form “National Automatic Clearing House” है. ये ECS का आधुनिक रूप है. इसे RBI के Regional Clearing House की जगह National Payments Corporation of India (NPCI) के द्वारा संचालित किया जाता है. फिलहाल देश के सारे बैंक NACH से जुड़ चुके हैं और वहाँ से अब ECS को हटा दिया है. इसे इन्टरनेट की मदद से ऑपरेट किया जाता है. यानी आप देश के किसी भी कोने में बैठकर इसे ऑपरेट कर सकते हैं. ये ECS से काफी ज्यादा फास्ट और सुविधाजनक है.
NACH का क्या उपयोग हैं? | Use of NACH
NACH का उपयोग भी ECS की तरह ही किया जाता है. मतलब जब आपको एक साथ कई अकाउंट में पैसा भेजना हो या फिर कई अकाउंट से एक साथ पैसा अपने अकाउंट में लेना हो तो आप NACH का उपयोग करते हैं. इसका उपयोग आजकल सैलरी भेजने, लाभांश भेजने, ब्याज भेजने, बिजली का बिल जमा करने, बीमा प्रीमियम जमा करने, SIP का पेमेंट करने के लिए ज्यादा किया जाता है. अधिकतर काम जिन्हें ऑनलाइन किया जा रहा है उनके रेगुलर पेमेंट के लिए NACH का उपयोग हो रहा है.
NACH Mandate क्या है? | What is NACH Mandate?
अपने अकाउंट से पैसा कटवाने के लिए आपको Auto Instruction of Debit के लिए सहमति देनी होती है. इसे ही NACH Mandate कहा जाता है. जैसे आपने अपने नेट बैंकिंग या बैंकिंग एप के जरिये एलआईसी प्रीमियम जमा किया. अब आप ये चाहते हैं कि हर महीने ये अपने आप तय तारीख को कट जाये तो आपको उसके लिए अपने नेट बैंकिंग या एप में NACH Mandate की अनुमति देनी होगी. जिससे हर महीने एक तय रकम आपके अकाउंट से कटकर दूसरे अकाउंट में पहुँच सके.
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ECS एक पुरानी प्रक्रिया है जिसे पहले कागजों के माध्यम से पूर्ण किया जाता था. मतलब आपने लोन लिया. तो किस्त कटवाने के लिए आपको ECS Mandate फॉर्म भरना पड़ेगा. फिर उसे बैंक भेजा जाएगा और फिर आपका काम होगा. वहीं NACH में सारी चीजे ऑनलाइन हो जाती है. आप ऑनलाइन किसी भी चीज को खरीद सकते हैं और उसके EMI के लिए NACH mandate भी दे सकते हैं. NACH में सारा काम बिना बैंक जाये बिना किसी कागज के हो जाता है. यही वजह है कि NACH का उपयोग आजकल ECS से भी ज्यादा हो रहा है.