GST (Goods and Services Tax) पूरे देश में लागू है और सभी को उत्पादों और सेवाओं पर इसे लेना होता है लेकिन क्या आपको पता है की जिस तरह हम इन्कम टैक्स रिटर्न भरते हैं ठीक उसी तरह GST Return के लिए भी अप्लाई किया जाता है. जीएसटी रिटर्न भी Income Tax Return की तरह होता है. इसमें अगर सरकार पर आपकी कोई देनदारी होती है तो वो पता चल जाती है और उसका हिसाब आपसे लिया जाता है. GST Return किस तरह भरना है और इसके लिए कौन-कौन से Form की जरूरत होती है ये सारी जानकारी आप इस लेख में पढ़ेंगे.
Income Tax के बारे में आपको पता होगा की हर महीने आपकी सैलरी से TDS के रूप में इन्कम टैक्स कट जाता है लेकिन अगर आप कहीं निवेश करते हैं किसी छूट के अंतर्गत तो आपको अपना जमा किए हुए टैक्स में छूट मिल जाती है जिसे वापस पाने के लिए आपको Income Tax Return File करना होता है इसे हम ITR भी कहते हैं. ठीक इसी तरह जीएसटी पर बाकी की देनदारी वापस चुकाने या लेने के लिए आपको जीएसटी रिटर्न फ़ाइल करना होता है.
GST Return Form भरने एक लिए आपको कुछ जानकारी फॉर्म में भरनी होती है जो निम्न हैं.
– आपने पूरे महीने में कौन सा माल, कब और कितना बेचा.
– आपने पूरे महीने में कब कौन सा माल कितने का खरीदा.
– आपने ग्राहक से कितना GST लेकर सरकार को दिया.
– सारे जीएसटी मिलने के बाद आप पर कितनी देनदारी बच रही है या फिर आपने कितना ज्यादा जीएसटी सरकार को चुकाया है इस बात का ब्योरा आपको देना होता है.
जीएसटी रिटर्न फ़ाइल करने से पहले आपको ये पता होना चाहिए की जीएसटी रिटर्न फ़ाइल करने के लिए आपको कौन सा फॉर्म भरना है. दरअसल इसके अंदर दो कैटेगरी है. एक तो सामान्य रजिस्टर्ड जीएसटी वाले लोग हैं जिन्हें जीएसटी पर कोई छूट नहीं मिलती और दूसरे वो लोग हैं जो GST Composition Scheme के अंतर्गत आते हैं.
जीएसटी कंपोज़ीशन स्कीम (GST Composition Scheme) छोटे व्यापारियों के लिए है ताकि उन्हें ज्यादा हिसाब-किताब न करना पड़े. इस स्कीम का फायदा वो लोग उठा सकते हैं जिनका सालाना टर्नओवर 20 लाख से ज्यादा और 75 लाख से कम है. इस स्कीम के तहत ट्रेडर्स को 1 %, मैन्यूफैक्चर को 2 %, और रेस्टोरेन्ट चलाने वालों को 5% की दर से एकमुश्त टैक्स चुकाना होता है. इस कैटेगरी के व्यापारियों को न तो अपने ग्राहकों से जीएसटी वसूलना है और न ही उसका हिसाब देना है.
जीएसटी के अंतर्गत अलग-अलग श्रेणी के व्यापारी आते हैं जो जीएसटी के अंतर्गत रजिस्टर्ड होते हैं. इन्हें सभी को अलग-अलग फॉर्म भरने होते हैं. जिनके बारे में जानना बेहद जरूरी है.
GSTR1 : इस फॉर्म में आपको पिछले महीने में हुई सभी तरह की बिक्री की डीटेल देनी होती है. फॉर्म में आपसे 13 तरह की बिक्री की डीटेल मांगी जाती है. इस फॉर्म को आप कारोबारी महीने की 10 तारीख को भर सकते हैं.
GSTR2 : इस फॉर्म के अंदर आपको ये बताना है की आपने पिछले महीने क्या खरीदा था इसके साथ में एक फॉर्म GSTR2A भी आता है जिसमें आपको बेची गई चीजों का विवरण देना होता है. इस फॉर्म को आपको 15 तारीख तक भरना होता है.
GSTR3 : इस फॉर्म में आपको खरीदी और बिक्री दोनों का विवरण देना होता है. इसमें वो सारा विवरण फिर से पूछा जाता है जो आपने GSTR 1 और 2 में दिया था. ये फॉर्म आपको आपके GST Account में 20 तारीख से दिखने लगेगा. इसमें सारी जानकारी देने के बाद GST System तय करता है की आपकी कितनी टैक्स देनदारी है.
GSTR9 : इस फॉर्म को आपको सालभर में एक बार 31 दिसंबर तक जमा करना होता है.इसमें भी वो सभी डिटेल्स देनी होती है जो आपने फॉर्म जीएसटीआर 1,2, 3 में दी थी.
जीएसटी कंपोज़ीशन स्कीम वाले व्यापारियों को निम्न जीएसटी रिटर्न फॉर्म भरने होते हैं.
GSTR4A : जिन लोगों ने इस स्कीम में खुद को रजिस्टर करवा रखा है उन्हें हर तीन महीने में इस फॉर्म को भरना होता है. इस फॉर्म में उन्हें तीन महीने की अवधि में की गई ख़रीदारी का ब्योरा देना होता है.
GSTR 4 : इस फॉर्म को भी आपको तीन महीने में एक बार भरना होता है. इस फॉर्म में आपको ये बताना होता है की आपने इन तीन महीनों की अवधि में कितने की बिक्री की. इस फॉर्म में जो टैक्स देनदारी आप पर बन रही है और जो टैक्स आपने जमा किया है उसका विवरण देना होता है. इस फॉर्म को आपने 18 तारीख तक जमा करना होता है.
GSTR 9A : ये फॉर्म सालभर में एक बार भरता है. इस फॉर्म में सालभर में दिये गए चारों तिमाही रिटर्न का विवरण देना होता है. इस फॉर्म को आप 31 दिसंबर तक भर सकते हैं.
जीएसटी रिटर्न भरना हर उस व्यापारी और कारोबारी के लिए जरूरी है जो जीएसटी रजिस्टर्ड कारोबारी है. इससे ये पता चलता है की आपका कितना टैक्स बाकी है या फिर आप कितना ज्यादा टैक्स भर चुके हैं. अगर आपने ज्यादा टैक्स भर दिया है तो वो आपको मिल सकता है.
इसके अलवा यदि आपकी कोई देनदारी है तो उसका भी पता चल जाता है जिसे आप समय रहते चुका सकते हैं. इसलिए आप हर साल समय पर जीएसटी रिटर्न भरिए ताकि आपको पता रहे की आपका कितना जीएसटी बाकी है और आप कितना जमा कर चुके हैं. जीएसटी रिटर्न भरते समय किसी भी प्रकार की गलती न करें ये काम GST Expert से ही करवाएँ.
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