केंद्र सरकार की ढेर सारी योजनाएं जनहित के लिए जारी की गई है. जिनका लाभ आम जनता से लेकर अमीर लोग तक ले रहे हैं. ऐसी ही योजनाओं में एक योजना है ‘गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम’ (Gold Monetisation Scheme) यानि स्वर्ण मुद्रीकरण योजना. इस योजना का लाभ देश के सभी नागरिकों को बराबर मिलता है चाहे कोई अमीर हो या फिर गरीब हो. बस उसके पास Gold यानि सोना होना चाहिए.
देश में कई लोग ऐसे हैं जिन्हें सुबह-शाम के खाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है और उनके पास सोने के Jewelry नाम मात्र के लिए भी नहीं होते और कई ऐसे लोग भी हैं जिनके पास खूब सारा सोना है जो किसी काम में नहीं आ रहा है. वैसे आजकल कई लोग गोल्ड में अपना पैसा इनवेस्ट (Money investment) करते हैं क्योंकि गोल्ड के रेट आने वाले समय में बढ़ता ही है. गोल्ड की ये बात सब जानते हैं लेकिन आप गोल्ड को खरीद कर करते क्या है? आप गोल्ड को खरीदकर या तो उसकी ज्वैलरी बनवाकर कभी-कभी पहनते हैं या फिर वो आपकी तिजोरी में सालों-साल पड़ा रहता है. ऐसे में क्या ये Gold आपको कोई कमाई करके दे रहा है. नहीं न! तो अगर आप घर में पड़े गोल्ड से पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम का लाभ लेना होगा.
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के लिए अप्लाई करना बेहद आसान है. इसके लिए आपको अपने नजदीकी बैंक जाना है या फिर आप उस बैंक में जाएं जिसमें आपका Account पहले से है. वहां पर जाकर इस योजना के लिए फॉर्म भर दें. इसके बाद बैंक द्वारा आपसे आपका गोल्ड तय समय जैसे एक साल, दो साल के लिए ले लिया जाएगा. इसका मतलब इतने समय के लिए Gold Bank के पास रहेगा. जब वो समय पूरा हो जाएगा तो आपको वो गोल्ड वापस दे दिया जाएगा और उस पर आपको ब्याज भी दिया जाएगा. इसका Concept FD की तरह है जिसमें आप एक बार पैसे जमा करते हैं और फिर आपको तय समय पर Interest के साथ आपकी जमा की गई रकम वापस मिल जाती है.
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम भारत के हर नागरिक के लिए है. लेकिन इस योजना की कुछ शर्तें (Terms) भी हैं जिन्हें आपको इस योजना के लिए अप्लाई (Apply) करने से पहले जान लेना चाहिए.
इस योजना का लाभ आप लेना चाहते हैं तो आपके पास कम से कम 30G Gold यानि सोना होना चाहिए. इससे कम होने पर आपको इसका लाभ नहीं मिलेगा. इसमें अधिकतम गोल्ड जमा करने की कोई सीमा नहीं है. आप चाहे जितने ग्राम सोना जमा कर सकते हैं. इस सोने पर आपको ब्याज दिया जाएगा.
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में आप अपना सोना कितने समय के लिए जमा करेंगे. इस बात को भी तय करना होता है. ऐसा नहीं है कि इसमें आप अपनी मर्जी के मुताबिक कभी भी अपने गोल्ड को निकालकर घर ले आएं. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको मिलने वाले ब्याज में कमी आ जाएगी. इसमें आप तीन टर्म में अपने गोल्ड को रख सकते हैं.
– Short Term 1 से 3 साल
– Medium Term 5 से 7 साल
– Long Term 12 से 15 साल
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में आप गोल्ड को जमा कर सकते हैं लेकिन गोल्ड की तो बहुत सारी चीजें होती हैं. इस योजना में आप सोने की ज्वैलरी, सोने के बिस्किट या सोने से बनी कोई भी चीज जमा कर सकते हैं. इसका फायदा भारत का मूल नागरिक ही उठा सकता है.
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में आपको गोल्ड जमा करना है इसका मतलब ये नहीं कि आप किसी भी तरह का मिलावट वाला सोना जमा कर सकते हैं. आपको यहां पर गोल्ड जमा करने के लिए पहले सर्टिफिकेट देना होता है. वैसे सोना 20, 22 और 24 कैरेट का होता है. इसी आधार पर गोल्ड की कीमत भी तय होती है. आपको पहले अपने सोने की शुद्धता की जांच मान्यता प्राप्त होलमार्क केंद्र पर करवानी होगी. इसका सर्टिफिकेट आपको दिया जाएगा. इस सर्टिफिकेट को देखने के बाद ही बैंक आपसे सोना लेकर जमा करती हैं.
बैंक द्वारा इस स्कीम में ब्याज का मूल्यांकन गोल्ड के रूप में किया जाता है. मान लीजिए किसी व्यक्ति ने 100 ग्राम गोल्ड इस योजना के अंर्तगत जमा किया और बैंक उसे सालाना 5 प्रतिशत ब्याज देता है तो तीन साल बाद उसका सोना 115 ग्राम हो जाएगा. वह व्यक्ति चाहे तो बैंक से 115 ग्राम सोना ले सकता है. इस योजना में आप इस बात का ध्यान रखें कि आपको वही सोना वापस नहीं मिलेगा जिसे आपने दिया था.
गोल्ड को जमा करने के बाद आपका ब्याज गोल्ड को जमा करने के 30 दिन बाद शुरू होगा. इस 30 दिनों में बैंक आपके सोने की जांच करती है. सोना जमा करते वक्त आपको ये तय करना होगा कि आपको ब्याज तथा सोना वापस किस रूप में लेना है और आप इसे कितने समय के लिए देना चाहते हैं. ये सारी बातें तय करके ही आप इस योजना के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
– गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में गोल्ड जमा करने पर जमा करने वाले को ब्याज मिलता है. अगर गोल्ड घर में पड़ा है तो वह आपको कमा कर नहीं देगा.
– इससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा.
– इस योजना के अनुसार देश में सरकार के पास गोल्ड की मात्रा बढ़ जाएगी जिसके बाद देश में गोल्ड का आयात कम करना पड़ेगा और सरकार अपने पास रखे गोल्ड को निर्यात कर सकेगी.
– इस योजना में आप चाहे जितना सोना जमा कर सकते हैं इसलिए इससे ज़्यादा फायदा होने की उम्मीद है.
– इस योजना में अगर आप आपक ज्वैलरी जमा करते हैं तो वो आपको उसी रूप में वापस नहीं मिलेगी. हो सकता है आपको गोल्ड का क्वाइन दे दिया जाए, बिस्किट दे दिया जाए. इसलिए अपनी खानदानी ज्वैलरी को यहां दांव पर न लगाएं.
– आमतौर पर ज्वैलरी में 100 प्रतिशत सोना नहीं होता. बैंक पहले सोने की जांच करती है और जितना सोना होता है उसके हिसाब से ब्याज देती है. इससे नुकसान जमा करने वाले को झेलना पड़ता है क्योंकि उसे उसकी वही ज्वैलरी वापस नहीं मिलने वाली है और उसमें सोना कम होने से उसकी खरीद और यहां के दाम में उसे नुकसान होगा.
– इस योजना में कम से कम सोने की मात्रा फिक्स है जिस कारण से जिनके पास 30 ग्राम से कम सोना है वे इसमें लाभ नहीं ले पाएंगे.
ये योजना अच्छी है लेकिन उन लोगों के लिए जिनके पास सोना किसी ज्वैलरी के रूप में नहीं है. अगर आपके पास सिक्के या बिस्किट के रूप में सोना है तब तो बेहतर है क्योंकि ये आपको किसी भी रूप में मिले इतना फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन आपके पास Jewelery के रूप में Gold है तो आपको इसका नुकसान हो सकता है. जिसे पूरी तरह आपको ही झेलना पड़ेगा. अगर आपको ज़्यादा ही पैसे की जरूरत पड़ रही है तो अपनी ज्वैलरी को आप किसी दूसरी स्कीम में लगाकर अच्छा फायदा ले सकते हैं. इस स्कीम में investment करना न करना ये पूरी तरह आपका निर्णय हैं.
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