भारत में बैंक बढ़ते एनपीए से परेशान हैं. इस स्थिति से निकालने के लिए भारत में 10 Bank का मर्जर यानि विलय किया जा रहा है. इस विलय को काफी बड़ा माना जा रहा है क्योंकि इसमें 10 बैंक का विलय करके 4 बड़े बैंक बनेंगे. इस विलय के बाद बनने वाला बैंक दूसरा सबसे बड़ा बैंक (Second Largest Bank) होगा. इस विलय में कौन सी बैंक शामिल होंगी और इनका विलय किन बैंकों के साथ होगा? इन सभी बातों को जानना जरूरी है.
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किन बैंकों का विलय होगा? Which banks will be merged?
भारत में होने वाले इस विलय में भारत की 10 सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक शामिल होंगी. इन 10 बैंक का विलय करके 4 बड़ी बैंक बनाई जाएगी. इसमें पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, सिंडीकेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, कार्पोरेशन बैंक, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक हैं.
इस विलय में ओलिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (Oriental Bank of Commerce (OBC) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) का विलय पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank (PNB) में होगा. विलय होने के बाद ये बैंक पंजाब नेशनल बैंक के नाम से जाने जाएंगे. विलय होने के बाद पीएनबी देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा.
इनके अलावा सिंडीकेट बैंक (Syndicate Bank) का विलय केनरा बैंक के साथ होगा. विलय के बाद सिंडीकेट बैंक केनरा बैंक के नाम से जाना जाएगा. आंध्र बैंक और कार्पोरेशन बैंक का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ किया जाएगा. ये दोनों बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नाम से जानी जाएगी. इलाहबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक के साथ किया जाएगा. ये इंडियन बैंक (Indian Bank) के नाम से जानी जाएगी.
बैंक के विलय का कारण Reason for the Bank’s Merger
बैंक के विलय के दो प्रमुख कारण है. एक तो एनपीए और दूसरा सरकारी बैंकों की संख्या कम करना. इसका सबसे प्रमुख कारण NPA है. एनपीए का मतलब बैंक द्वारा बांटा गया ऐसा लोन जो उनके पास वापस नहीं आया और डूब गया. इसके अलावा बैंक चलाने के लिए खर्च ज्यादा हो रहा है और मुनाफा कम इसलिए सरकार का कहना है की जब बैंक एक हो जाएंगे तो बैंक को चलाने के लिए लगने वाली लागत में कमी आएगी.
देश में सार्वजनिक बैंक Public Bank in India
इस विलय के होने के बाद देश में सार्वजनिक या सरकारी बैंकों की संख्या कम हो जाएगी. इससे पहले भी मोदी सरकार में ही तीन बार विलय हो चुके हैं. सबसे पहले SBI में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला को मिला दिया गया था. इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हुआ था. तीसरा विलय अब हो रहा है. इस विलय के बाद देश में 12 सरकारी बैंक बचेंगे.
1. भारतीय स्टेट बैंक SBI
2. पंजाब नेशनल बैंक PNB + यूनाइटेड बैंक UBI +ओरिएंटल बैंक ऑफ
कॉमर्स OBC
3. बैंक ऑफ बड़ौदा BoB
4. बैंक ऑफ इंडिया BOI + आंध्रा बैंक Andhra Bank + कॉरपोरेशन बैंक Corporation Bank
5. केनरा बैंक + सिंडिकेट बैंक
6. इंडियन बैंक + इलाहाबाद बैंक
7. बैंक ऑफ इंडिया
8. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
9. इंडियन ओवरसीज बैंक
10. पंजाब एंड सिंध बैंक
11. बैंक ऑफ महाराष्ट्र
12. यूको बैंक
बैंक विलय क्या और कैसे होता है? What and how does a bank merge?
बैंक विलय (Bank Merger) का मतलब होता है किसी एक ये एक से ज्यादा बैंक को किसी बड़ी बैंक में मिला देना. इसके बाद मिलने वाली बैंक की सारी कार्यनीतियां उस बड़ी बैंक के हिसाब से चलती हैं. इसे ही बैंक का विलय कहते हैं. बैंक विलय करने का मुख्य काम वित्त मंत्रालय का होता है. वित्त मंत्रालय की सैद्धांतिक मंजूरी के बाद बैंकों के बोर्ड में शामिल सदस्य विलय की योजना तैयार करते हैं. इस योजना पर केबिनेट मुहर लगती है. इसके बाद इसे RBI, SEBI जैसे फ़ाइनेंस रेग्युलेटर से मंजूरी मिलती है और विलय का रास्ता साफ हो जाता है.
विलय के बाद बैंक कर्मचारियों का क्या होगा? What will happen to bank employees after the merger?
ये विलय देश का सबसे बड़ा बैंक विलय है. ऐसे में सवाल ये उठता है की इस विलय के बाद इनमें काम कर रहे कर्मचारियों का क्या होगा? सरकार का कहना है की विलय का बैंक कर्मचारियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. विलय के बाद कर्मचारी पहले की तरह अपनी शाखाओं में काम करते रहेंगे. यदि किसी शाखा को बंद किया जाता है तो उन कर्मचारियों का ट्रांसफर कहीं और किया जाएगा. भविष्य में कर्मचारियों की छंटनी नहीं होगी.
बैंक विलय का खाताधारकों पर क्या असर होगा? How will bank mergers affect account holders?
1) बैंक विलय के बाद कई सारी ब्रांच बंद हो सकती है. जिसके चलते ये हो सकता है की आपका जिस ब्रांच में खाता है उसे दूसरी किसी ब्रांच में शिफ्ट कर दिया जाए.
2) ग्राहक के कस्टमर आईडी (Customer ID) और अकाउंट नंबर (Account Number) दोनों में बदलाव आ सकते हैं क्योंकि पहले आपका जिस बैंक में अकाउंट हो उसमें हो सकता है की आपका अकाउंट नंबर ज्यादा डिजिट का हो और अब जिस बैंक में विलय होगा उसमें अकाउंट नंबर कम डिजिट का होता हो तो ऐसे में आपका अकाउंट नंबर बदल जाएगा.
3) आपका आईएफ़एससी कोड (IFSC Code) बदल सकता है. हालांकि इसके बदलने की जानकारी आपको बैंक खुद देंगे. जैसे ही आपको इसकी जानकारी प्राप्त हो आप इसे अपने इन्कम टैक्स विभाग, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फ़ंड (Income Tax Department, Insurance, Mutual Fund) आदि में अपडेट करवाएं.
4) अगर आपकी बैंक का विलय हो गया है और आपका अकाउंट दूसरी बैंक की शाखा में पहुँच गया है तो आपको उस ब्रांच पर जाकर नई Passbook बनवनी है. साथ ही नए ChequeBook भी लेना है.
5) जिन लोगों ने बैंक में RD या FD करवा रखी है उन पर बैंक विलय का कोई असर नहीं होगा. न ही इनकी ब्याज दर (Rate of interest) में कोई कमी आएगी. इसके साथ ही पर्सनल लोन, होम लोन, गाड़ी लोन (Personal Loans, Home Loans, Car Loans) की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं आएगा.
6) बैंक के विलय के बाद आपके ATM card में भी कोई बदलाव नहीं होगा. आपके पुराने वाले कार्ड मान्य रहेंगे. हालांकि बैंक खुद चाहे तो अपनी ब्रांडिंग करने के लिए नए एटीएम कार्ड इशू कर सकती है.
बैंक के विलय होने के बाद आपको ध्यान रखना है की यदि विलय होने के वाली बैंक में आपका अकाउंट है और आपके अकाउंट नंबर (Bank Account Number) और आईएफ़एससी नंबर (IFSC Number) बदल चुके हैं तो उन्हें दूसरी जगह पर जरूर अपडेट करवाएं जिससे आपको कोई दिक्कत न हो. इन बैंकों के विलय से न बैंक कर्मचारियों को दिक्कत आएगी न बैंक के खाताधारकों को दिक्कत आएगी. बैंक विलय का मकसद ये है की देश में मौजूद बैंक अच्छे से अपना बिजनेस कर सके.
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